नई दिल्ली, 22 जनवरी (The News Air) भारतीय शेयर मार्केट (Indian Stock Market) ने पहली बार हांगकांग (Hong Kong) को पीछे छोड़ दिया है। ब्लूमबर्ग (Bloomberg) के आंकड़ों के अनुसार भारतीय एक्सचेंजों पर लिस्टेड शेयरों की कंबाइन वैल्यू सोमवार को 4.33 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई। जबकि, हांगकांग (Hong Kong) के लिए यह आंकड़ा 4.29 ट्रिलियन डॉलर था। इसके साथ ही भारत (India) दुनिया में चौथा सबसे बड़ा इक्विटी मार्केट (Equity Market) बन गया है।
खुदरा निवेशकों (Retail Investors) ने बाजार में झोंके पैसे : घरेलू मार्केट का मार्केट कैप (Market Cap) 5 दिसंबर को पहली बार 4 ट्रिलियन डॉलर को पार हुआ था। इसमें से लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर (Trillion Dollar) पिछले चार वर्षों में आया था। तेजी से बढ़ते खुदरा निवेशक (Retail Investors) आधार और मजबूत कॉर्पोरेट इनकम के कारण भारत में इक्विटी तेजी से बढ़ रही है। दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश ने खुद को चीन के विकल्प के रूप में स्थापित किया है। भारतीय बाजार (indian Market) अब ग्लोबल इन्वेस्टर्स और कंपनियों से नई पूंजी आकर्षित कर रहा है।
इस मुकाम तक पहुंचने के कारण: मुंबई में एक्सिस म्यूचुअल फंड (Axis Mutual Fund) के मुख्य निवेश अधिकारी आशीष गुप्ता (Ashish Gupta) ने कहा, “भारत में विकास की गति को आगे बढ़ाने के लिए सभी चीजें मौजूद हैं।” भारतीय शेयरों में लगातार तेजी और हांगकांग (Hong Kong) में ऐतिहासिक गिरावट ने भारत (India) को इस मुकाम तक पहुंचाया है।
अब India बनेगा दुनिया का विकास इंजन: बीजिंग के कड़े कोविड-19 (Covid-19) प्रतिबंध, निगमों पर नियामक कार्रवाई, प्रापर्टी सेक्टर (Property Sector) में संकट और पश्चिम के साथ भू-राजनीतिक तनाव ने मिलकर दुनिया के विकास इंजन के रूप में चीन की उम्मीद को खत्म कर दिया है। चीनी और हांगकांग (Hong Kong) के शेयरों की कुल मार्केट वैल्यू 2021 में अपने चरम पर पहुंचने के बाद से 6 ट्रिलियन डॉलर (Trillion Dollar) से अधिक गिर गया है।
Hong Kong खो रहा रुतबा: हांगकांग (Hong Kong) में नई लिस्टिंग नहीं हो रही है। यह आईपीओ (IPO) हब के लिए दुनिया के सबसे व्यस्त स्थानों में से एक के रूप में अपनी स्थिति खो रहा है। हालांकि, कुछ रणनीतिकारों को बदलाव की उम्मीद है। नवंबर की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूबीएस ग्रुप (UBS Group) एजी का मानना है कि 2024 में चीनी शेयर भारतीय प्रतिस्पर्धियों से बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
इस महीने की शुरुआत में एक नोट के अनुसार, बर्नस्टीन को उम्मीद है कि चीनी बाजार में सुधार होगा। हैंग सेंग चाइना एंटरप्राइजेज इंडेक्स, हांगकांग (Hong Kong) में लिसटेड चीनी शेयरों का एक गेज 2023 में चार साल की रिकॉर्ड गिरावट को रोकने के बाद पहले से ही लगभग 13% नीचे है। जबकि, भारत (India) के बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स (Benchmark Index Sensex) और निफ्टी रिकॉर्ड-उच्च स्तर के करीब कारोबार कर रहे हैं।
लंदन (London) स्थित थिंक-टैंक ऑफिशियल मॉनेटरी एंड फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस फोरम के हालिया अध्ययन के अनुसार विदेशी फंडों ने 2023 में भारतीय शेयरों में 21 अरब डॉलर (Billion Dollar) से अधिक का निवेश किया, जिससे देश के बेंचमार्क एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स इंडेक्स को लगातार आठवें साल बढ़त हासिल करने में मदद मिली।