The News Air- (चंडीगढ़) पंजाब में अब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू के ख़िलाफ़ बग़ावत के आसार बन गए हैं। कांग्रेसी MLA कुलबीर जीरा और वरिंदरमीत पहाड़ा ने सिद्धू के रवैए पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सिद्धू के मुद्दे हैं लेकिन उन्हें पार्टी फोरम पर बात रखनी चाहिए। यह दोनों विधायक वही हैं, जो कैप्टन अमरिंदर सिंह के तख़्ता पलट के वक़्त बाग़ी ग्रुप के साथ थे।
सिद्धू के ख़िलाफ़ घमासान तब शुरू हुआ, जब शुक्रवार को उन्होंने सुनील जाखड़ पर हमला कर दिया। जिसके जवाब में जाखड़ ने भी अक़बर इलाहबादी के शेर के ज़रिए सिद्धू की बख़िया उधेड़ दी। सिद्धू के ख़िलाफ़ बग़ावत को अब टकसाली कांग्रेसियों और ख़ासकर माझा के दिग्गज नेताओं की शह से जोड़कर देखा जा रहा है। कांग्रेसी विधायकों के इस रूख के बाद कांग्रेस के भीतर सिद्धू की मुश्किलें बढ़ सकती है।
यह कहा कांग्रेसी विधायकों ने
जीरा से कांग्रेस MLA कुलबीर जीरा ने कहा कि नवजोत सिद्धू की बात सही है कि लोग सवाल करते हैं। अगर बात करनी है तो सिद्धू को CM या डिप्टी CM के साथ बैठकर बात करनी चाहिए। इसका हल आपस में बैठकर ही निकल सकता है।
गुरदासपुर से कांग्रेस MLA वरिंदरमीत पहाड़ा ने कहा कि सिद्धू की रिपोर्ट खोलने की बात ठीक है। हम सब भी उस पर लगे हुए हैं। सिद्धू पार्टी प्रधान हैं और अपने ढंग से सरकार पर प्रेशर डाल रहे हैं। मुझे लगता है कि सिद्धू को पार्टी प्लेटफार्म पर यह बात करनी चाहिए।
सिद्धू ने जाखड़ के ट्वीट पर उठाए सवाल
नवजोत सिद्धू ने शुक्रवार को अमृतसर में प्रेस कान्फ्रेंस की। जिसमें सिद्धू ने पूर्व पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ को लेकर कहा कि जो पहले प्रधान थे, बड़े ज़ोर-शोर से ट्वीट करते हैं। कभी उन्होंने ऐसी बात उठाई है, जैसे मुद्दे मैं उठा रहा हूं।
जाखड़ ने शेर से दिया जवाब
सुनील जाखड़ ने सिद्धू के बयान के साथ अक़बर इलाहबादी का शेर ‘बुत हम को कहे काफ़िर, अल्लाह की मर्ज़ी है, सूरज में लगे धब्बा, फ़ितरत के करिश्मे हैं, बरकत जो नहीं होती, नीयत की ख़राबी है। साफ़ तौर पर जाखड़ ने भाजपा से कांग्रेस में आने पर सिद्धू को काफ़िर कह दिया। वह इस तरह की बयानबाज़ी कर रहे हैं, इसके लिए हाईकमान की मर्ज़ी क़रार दे निशाना साधा। कांग्रेस में सब कुछ ठीक न होने को लेकर उन्होंने सिद्धू की नीयत पर ही सवाल उठा दिए।
सिद्धू के विरोध के 2 बड़े कारण
टिकट की चिन्ता : सिद्धू को लेकर विधायकों की सबसे बड़ी चिन्ता टिकट की है। ख़ासकर, उनकी जो कैप्टन अमरिंदर सिंह के कट्टर विरोधी रहे हैं। कांग्रेस से टिकट न मिली तो उन्हें कैप्टन के यहां भी जगह नहीं मिलेगी। सिद्धू कह चुके हैं कि सिर्फ़ जीतने की क्षमता वालों को टिकट देंगे और सब विधायक यह न समझें कि उन्हें टिकट मिलेगी।
माझा ग्रुप के साथ टकराव : सिद्धू का माझा की तिकड़ी डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा, मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा और सुख सरकारिया के साथ रिश्ते बिगड़ गए हैं। इन्हीं तीनों की अगुवाई में कैप्टन को CM की कुर्सी से हटाया गया। अब सिद्धू एसटीएफ रिपोर्ट और बेअदबी को लेकर CM चरणजीत चन्नी के बहाने ज़्यादा रंधावा पर निशाना साधते हैं क्योंकि उनके पास ही गृह मंत्रालय है।
पहली बार सिद्धू के ख़िलाफ़ बयान, कैप्टन भी उठा चुके सवाल
कांग्रेस विधायकों की बयानबाज़ी कांग्रेस की सियासत के मायने में अहम है। जब कैप्टन अमरिंदर सिंह को CM की कुर्सी से हटाया गया तो कुछ इसी तरह से शुरुआत हुई थी। कुछ विधायकों की बयानबाज़ी के बाद इसे बग़ावत का रूप दे दिया गया।
सिद्धू के रवैए को लेकर पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह भी सवाल उठा चुके हैं। वह सिद्धू को ‘अनस्टेबल’ तक कह चुके हैं। यही वजह है कि बार-बार सीएम चन्नी और सरकार को निशाने साध रहे सिद्धू का कांग्रेस के भीतर से ही विरोध होना शुरू हो गया है।