Delhi Election 2025 – दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए यह चुनाव किसी बुरे सपने से कम नहीं था। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सुनामी में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) खुद अपनी सीट बचाने में नाकाम रहे। नई दिल्ली (New Delhi) सीट पर भी बीजेपी ने भगवा परचम लहरा दिया। आम आदमी पार्टी सरकार की योजनाएं, जैसे मोहल्ला क्लीनिक (Mohalla Clinic), फ्री बस सेवा (Free Bus Service) और 200 यूनिट मुफ्त बिजली (Free Electricity), भी इस बार जनता को लुभाने में असफल रहीं।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, AAP की करारी हार के पीछे ‘स प क’ फैक्टर जिम्मेदार रहा। यह तीन बड़े मुद्दों – टूटी सड़कें (S-Torn Roads), पानी की समस्या (P-Water Crisis) और कूड़ा (K-Garbage Issue) – का संक्षिप्त रूप है, जिसने इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को पूरी तरह से धराशाई कर दिया।
1. टूटी सड़कें (S – Roads in Bad Condition) बनी सबसे बड़ी वजह
दिल्ली में सड़कों की जर्जर हालत AAP के खिलाफ सबसे बड़ा मुद्दा बनी। राजधानी के कई इलाकों में गड्ढों से भरी सड़कों ने जनता की परेशानी बढ़ाई।
- बारापुला फ्लाईओवर (Barapullah Flyover), रानी झांसी फ्लाईओवर (Rani Jhansi Flyover) और अन्य प्रमुख सड़कों पर गड्ढों की शिकायतें लगातार आती रहीं।
- भजनपुरा (Bhajanpura) से यमुना विहार (Yamuna Vihar) तक मेट्रो द्वारा बनाए जा रहे डबल डेकर फ्लाईओवर के नीचे की सड़कें इतनी खराब थीं कि लोगों को चलना मुश्किल हो रहा था।
- AAP की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने भी सड़कों पर भरे पानी को लेकर दिल्ली सरकार पर निशाना साधा था।
- कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिनमें दिल्ली की जर्जर सड़कों की दुर्दशा दिखाई गई थी।
जनता में इस बात को लेकर नाराजगी थी कि दिल्ली सरकार सिर्फ घोषणाएं कर रही थी, लेकिन सड़कें सुधारने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए।
2. पानी की समस्या (P – Water Crisis) बनी गले की फांस
दिल्ली में यमुना (Yamuna) के प्रदूषित पानी से लेकर पीने के साफ पानी तक की समस्या लंबे समय से बनी हुई थी।
- बीजेपी ने यमुना नदी में बढ़ते झाग और गंदे पानी को बड़ा मुद्दा बनाया और AAP सरकार पर हमले किए।
- दिल्ली के कई इलाकों में नल से गंदा पानी आने की शिकायतें सामने आईं, जिससे जनता में भारी आक्रोश था।
- केजरीवाल सरकार ने यमुना को साफ करने के लिए कई वादे किए थे, लेकिन हकीकत में कुछ खास बदलाव नहीं दिखा।
- गर्मी के मौसम में दिल्ली के कई इलाकों में जल संकट (Water Shortage) की समस्या ने जनता की नाराजगी को और बढ़ा दिया।
BJP ने इस मुद्दे को भुनाते हुए यह दावा किया कि अगर जनता ने AAP को दोबारा सत्ता में लाया, तो उन्हें यमुना से जहरीला पानी पीने को मिलेगा। नतीजा, AAP के खिलाफ वोटिंग में इज़ाफा हुआ।
3. कूड़े के ढेर (K – Garbage Crisis) से जनता त्रस्त
दिल्ली में जगह-जगह फैला कूड़ा आम आदमी पार्टी के लिए एक और बड़ी चुनौती बना।
- गाजीपुर लैंडफिल साइट (Ghazipur Landfill Site) और अन्य कचरा निस्तारण केंद्रों पर कूड़े के पहाड़ खड़े हो गए थे।
- उत्तरी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (North & East Delhi Municipal Corporation) के क्षेत्रों में कूड़े की समस्या भयावह स्तर पर थी।
- गंदगी और बदबू से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।
- स्वाति मालीवाल ने केजरीवाल के घर के बाहर कूड़ा फेंककर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
BJP ने चुनाव प्रचार के दौरान इसे बड़ा मुद्दा बनाते हुए कहा कि “अगर दिल्ली को कूड़े से मुक्त कराना है, तो AAP को सत्ता से बाहर करना ही होगा।”
क्या ‘स प क’ फैक्टर ने AAP का अंत कर दिया?
दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की हार के पीछे ‘स प क’ (सड़कें, पानी और कूड़ा) फैक्टर सबसे अहम कारण रहा।
- टूटी सड़कों ने जनता को परेशान किया और AAP की नाकामी उजागर की।
- गंदे पानी और जल संकट ने सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए।
- दिल्ली में फैला कूड़ा और गंदगी बीजेपी के लिए AAP पर हमला करने का सबसे बड़ा हथियार बना।
BJP ने इन तीनों मुद्दों को लेकर AAP पर ज़बरदस्त हमले किए और जनता को विश्वास दिलाया कि अगर दिल्ली को बेहतर सड़कें, साफ पानी और गंदगी से मुक्ति चाहिए, तो AAP को हटाना होगा।
नतीजा? दिल्ली में AAP का सूपड़ा साफ हो गया और BJP ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर ली।