10 किलो का सैटेलाइट
रिपोर्ट के अनुसार, ‘द ग्राउंडब्रेकर’ एक छोटा सैटेलाइट है। इसका वजन करीब 10 किलोग्राम है। 15 अप्रैल को इस सैटेलाइट को कैलिफोर्निया में वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस में स्पेसएक्स की लॉन्च फैसिलिटी से अंतरिक्ष में भेजा गया।
क्या काम करेगा सैटेलाइट
इस सैटेलाइट को धरती पर मौजूद मोबाइल टावरों के साथ कम्युनिकेट करने और दुनियाभर में डेटा नेटवर्क के गैप को भरने के लिए डिजाइन किया गया।
किसने बनाया है सैटेलाइट
‘द ग्राउंडब्रेकर’ को Sateliot नाम की कंपनी ने तैयार किया है। कंपनी ऐसे 250 लो-अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट लॉन्च करना चाहती है और ‘द ग्राउंडब्रेकर’ उनमें से पहला है।
बदल जाएगी 5G इंटरनेट की दुनिया
‘द ग्राउंडब्रेकर’ जैसे तमाम उपग्रह जब काम करना शुरू कर देंगे और यूजर्स तक इनकी सर्विस पहुंचने लगेगी, तो 5G मोबाइल इंटरनेट की दुनिया पूरी तरह बदल जाएगी। यूजर बिना कोई हार्डवेयर, एंटीना या मोडेम के अपनी डिवाइस पर सीधे सैटेलाइट के 5जी नेटवर्क से कनेक्ट कर पाएंगे।
कहां होगा सबसे ज्यादा फायदा
इन सैटेलाइट का सबसे ज्यादा फायदा उन इलाकों में होगा, जहां मोबाइल टावर उपलब्ध नहीं है। यूजर सीधे अपनी डिवाइस को गैर-स्थलीय 5G नेटवर्क (non-terrestrial 5G network) से कनेक्ट कर पाएंगे। उन्हें अलग से कोई मोडेम, हार्डवेयर की जरूरत नहीं होगी। कंपनी को उम्मीद है कि उसकी टेक्नॉलजी पृथ्वी के 85 फीसदी एरिया तक इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचा सकती है।