जालंधर (The News Air) पंजाब में क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिद्धू भले ही खुद को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का करीबी मानते हों, लेकिन कांग्रेस हाईकमान की नजर में उनका कद अभी भी पूर्व CM चरणजीत चन्नी से कम है। असल में कांग्रेस ने जालंधर लोकसभा उपचुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट तैयार की है। जिसमें चन्नी को 6वें और सिद्धू को 8वें नंबर पर रखा गया है।
यहां तक कि सिद्धू पूर्व डिप्टी CM सुखजिंदर रंधावा से भी पिछड़े हुए हैं। रंधावा को हाईकमान ने 5वें नंबर पर रखा है। इस लिस्ट में टॉप 5 में अंबिका सोनी, पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश चौधरी, पंजाब अध्यक्ष अमरिंदर राजा वड़िंग, विधानसभा में नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा और राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर रंधावा को शामिल किया गया है।
विधानसभा चुनाव में सिद्धू को झटका दे चुके राहुल
नवजोत सिद्धू को कांग्रेस के झटका देने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले पिछले विधानसभा चुनाव में सिद्धू ने कांग्रेस की तरफ से CM चेहरे पर दावेदारी ठोकी थी। सिद्धू चंडीगढ़ में बैठकर दावा ठोकते रहे कि CM चेहरा वही होंगे। वह मीडिया के साथ वहां अपने पंजाब मॉडल को खूब प्रचारित करते रहे, हालांकि राहुल ने सिद्धू की जगह चन्नी को तरजीह दी। चन्नी CM चेहरा बने लेकिन कांग्रेस की सत्ता में वापसी तो दूर, खुद भी चमकौर साहिब और भदौड़, यानी 2 सीटों से चुनाव हार गए।
रोडरेज केस में एक साल कैद काटने के बाद दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मिले नवजोत सिद्धू।
कैप्टन को हटाने के बाद भी CM नहीं बनाया था
सिद्धू को कांग्रेस ने सितंबर 2022 में भी झटका दिया था। तब सिद्धू की बगावत के बाद ही कैप्टन अमरिंदर सिंह को CM की कुर्सी से हटा दिया गया। इसके बाद नवजोत सिद्धू CM की कुर्सी के सबसे बड़े दावेदार थे। हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने अंतिम वक्त में सिद्धू का पत्ता साफ कर दिया। उनकी जगह चरणजीत चन्नी को आखिरी 3 महीने के लिए CM बना दिया।
कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की जारी लिस्ट
अभी जेल से बाहर आए सिद्धू
नवजोत सिद्धू हाल ही में रोडरेज केस में एक साल की कैद काटकर बाहर आए हैं। वह पटियाला जेल में बंद थे। उसके बाद सिद्धू के आक्रामक तेवर पहले की तरह बरकरार हैं। इसके बाद उम्मीद थी कि उन्हें पंजाब कांग्रेस में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। वह दिल्ली जाकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से भी मिल आए, लेकिन अभी तक उन्हें कोई पद नहीं मिला है। यहां तक कि कांग्रेस संगठन और पंजाब कांग्रेस प्रधान राजा वड़िंग भी उन्हें कोई तरजीह नहीं दे रहे हैं।