नई दिल्ली, 16 दिसंबर (The News Air) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत के संकल्प में भारत के शहरों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए दावा किया है कि सरकार आज देश के टीयर-2 और टीयर-3 शहरों के विकास पर विशेष बल दे रही है और कुल 27 शहरों में मेट्रो या तो शुरू हो चुकी है या काम चल रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ (शहरी) के लाभार्थियों के साथ ऑनलाइन संवाद करते हुए कहा कि विकसित भारत के संकल्प में हमारे शहरों की बहुत बड़ी भूमिका है। आजादी के लंबे समय तक जो भी विकास हुआ, उसका दायरा देश के कुछ बड़े शहरों तक सीमित रहा। लेकिन, आज उनकी सरकार देश के टीयर-2 और टीयर-3 शहरों के विकास पर बल दे रही है। देश के सैंकड़ों छोटे शहर ही विकसित भारत की भव्य इमारत को सशक्त करने वाले हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि अमृत मिशन हो या स्मार्ट सिटी मिशन, इनके तहत छोटे शहरों में मूल सुविधाओं को बेहतर बनाया जा रहा है। गरीब हो, न्यू मिडिल क्लास हो, मिडिल क्लास हो या संपन्न परिवार हो, हर किसी को बढ़ती हुई सुविधाओं का लाभ मिल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने हरी झंडी दिखाकर राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में भी इस यात्रा का शुभारंभ करते हुए इन पांचों राज्यों की नवनिर्वाचित सरकारों से भी विकसित भारत संकल्प यात्रा का अपने राज्य में तेजी से विस्तार करने का आग्रह किया। इन पांचों राज्यों में चुनाव आचार संहिता की वजह से अब तक ये यात्रा शुरू नहीं हो पाई थी।
‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विकसित भारत के संकल्प के साथ मोदी की गारंटी वाली गाड़ी देश के कोने-कोने में पहुंच रही है। इस यात्रा को शुरू हुए एक महीना पूरा हो चुका है। इस एक महीने में ये यात्रा हजारों गांवों के साथ-साथ डेढ़ हजार शहरों में भी पहुंच चुकी है। इनमें से अधिकतर शहर छोटे शहर हैं। विकसित भारत संकल्प यात्रा को हरी झंडी भले ही मोदी ने दिखाई है, लेकिन सच्चाई ये है कि आज देशवासियों ने उस यात्रा की कमान संभाल ली है। एक जगह जहां पर यात्रा खत्म होती है, वहां से दूसरे गांव या शहर के लोग इस यात्रा की अगुवाई करने लग जाते हैं।
कोरोना काल का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कोरोना का इतना बड़ा संकट आया था, तो सरकार ने लोगों की मदद करने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ी। उनकी सरकार ने कोरोना के संकट के दौरान 20 करोड़ महिलाओं के बैंक खाते में हजारों करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। ये उनकी सरकार है, जिसने हर व्यक्ति को कोरोना की मुफ्त वैक्सीन सुनिश्चित कराई। सरकार ने ही कोरोना काल में हर गरीब के लिए मुफ्त राशन की योजना शुरू की।
शहरी परिवारों की मदद के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आज पीएम स्वनिधि योजना से रेहड़ी-पटरी वाले साथियों को बैंकों से सस्ता और आसान ऋण मिल रहा है। देश में 50 लाख से अधिक ऐसे साथियों को बैंकों से मदद मिल चुकी है। इस यात्रा के दौरान भी सवा लाख साथियों ने मौके पर ही पीएम स्वनिधि के लिए आवेदन किया है। इस योजना के 75 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी दलित, पिछड़े और आदिवासी समाज के साथी हैं, इसमें भी करीब 45 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं है। यानी जिनके पास बैंक में रखने के लिए कोई गारंटी नहीं थी, मोदी की गारंटी उनके काम आ रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार गांवों से रोजगार के लिए शहर आने वाले गरीब भाई-बहनों की मुश्किलों को समझती है। उनकी दिक्कत थी कि उनके गांव का राशन कार्ड दूसरे राज्य के शहरों में नहीं चलता था। इसलिए ही उन्होंने ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ बनाया। अब एक ही राशन कार्ड पर कोई भी परिवार गांव या शहर में राशन ले सकता है। पिछले 9 वर्षों में केंद्र सरकार 4 करोड़ से ज्यादा घर बना चुकी है। इसमें से 1 करोड़ से अधिक घर शहरी गरीबों को मिले हैं। उनकी सरकार मिडिल क्लास परिवारों के घर का सपना पूरा करने में भी हर संभव मदद कर रही है। क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्किम के तहत अभी तक लाखों मध्यम वर्गीय परिवारों को मदद दी जा चुकी है।
उन्होंने आगे कहा कि शहरों में गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को बेहतर जीवन देने के लिए एक और बड़ा माध्यम पब्लिक ट्रांसपोर्ट का होता है। आधुनिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए जो काम बीते 10 वर्षों में हुआ है, वो अतुलनीय है। 10 वर्ष से भी कम समय में 15 नए शहरों में मेट्रो सेवा का विस्तार हुआ है। आज कुल 27 शहरों में मेट्रो या तो चल चुकी है या मेट्रो पर काम चल रहा है। बीते वर्षों में देश के शहरों में इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए भी केंद्र सरकार ने हजारों करोड़ रुपये खर्च किये हैं। पीएम ई-बस सेवा अभियान के तहत अनेक शहरों में इलेक्ट्रिक बसों को चलाया जा रहा है। दो-तीन दिन पहले ही दिल्ली में भी केंद्र सरकार ने 500 नई इलेक्ट्रिक बसें शुरू करवाई हैं। अब दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई इलेक्ट्रिक बसों की संख्या 1,300 को पार कर गई है।