Facial Authentication Attendance System : नगर निगम (Municipal Corporation) में कर्मचारियों की हाजिरी अब फेशियल ऑथेंटिकेशन सिस्टम (Facial Authentication Attendance System) से दर्ज होगी। 1 नवंबर से यह नई तकनीक लागू की जा रही है, जिसके तहत हर कर्मचारी को अपने स्मार्टफोन से चेहरा स्कैन कर उपस्थिति दर्ज करनी होगी। इस कदम का उद्देश्य कार्यस्थल पर पारदर्शिता बढ़ाना और वेतन प्रणाली को डिजिटल तरीके से सटीक बनाना है।
नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार ने नई प्रणाली की प्रगति और तैयारी की समीक्षा करते हुए सभी विभागों को 1 नवंबर से अनिवार्य रूप से सिस्टम लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने साफ कहा कि अब किसी भी कर्मचारी की उपस्थिति मैन्युअली नहीं मानी जाएगी, बल्कि बायोमेट्रिक डेटा के आधार पर ही वेतन जारी होगा।
वर्तमान में निगम में करीब 10,930 कर्मचारी कार्यरत हैं, जो बायोमेट्रिक पोर्टल पर पंजीकृत हैं। जिन कर्मचारियों ने अब तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उन्हें सात दिन के भीतर यह प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
वेतन और उपस्थिति का डिजिटल लिंक:
कमिश्नर ने स्पष्ट किया है कि 1 नवंबर से कर्मचारियों के वेतन का भुगतान उनके बायोमेट्रिक रिकॉर्ड से सीधे जुड़ा रहेगा। इसका मतलब है कि उपस्थिति में गड़बड़ी या अनुपस्थित रहने पर वेतन स्वतः प्रभावित होगा। यह नियम सभी प्रकार के कर्मचारियों पर लागू होगा — चाहे वे स्थायी हों, ठेके पर हों या आउटसोर्स।
आईटी विंग ने सभी विभागों के नोडल अधिकारियों और “सिंगल प्वाइंट ऑफ कॉन्टैक्ट” (SPOC) के लिए व्यापक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए हैं, ताकि सिस्टम के संचालन में कोई दिक्कत न आए। साथ ही, सभी कर्मचारियों को 31 अक्टूबर तक अपने सेवा विवरण और बायोमेट्रिक रिकॉर्ड अपडेट करने को कहा गया है।
सरकारी और स्थानीय निकायों में हाजिरी से जुड़ी गड़बड़ियों को रोकने के लिए केंद्र सरकार लंबे समय से Aadhaar Enabled Biometric Attendance System (AEBAS) लागू करने की दिशा में काम कर रही है। इसका मकसद फर्जी उपस्थिति, लेट मार्किंग और गैर-जिम्मेदारी जैसी समस्याओं पर रोक लगाना है। कई राज्यों में यह प्रणाली पहले से लागू है और अब नगर निगम ने भी इसे अपनाने का निर्णय लिया है।
मुख्य बातें (Key Points):
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1 नवंबर से नगर निगम में फेस ऑथेंटिकेशन से हाजिरी अनिवार्य होगी।
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सभी कर्मचारियों का वेतन अब बायोमेट्रिक रिकॉर्ड से जुड़ा रहेगा।
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31 अक्टूबर तक कर्मचारियों को अपने विवरण अपडेट करने होंगे।
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निगम के आईटी विंग ने सभी विभागों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए हैं।






