नई दिल्ली,17 जुलाई (The News Air): आजकल चर्चा है कि वित्त मंत्री बजट में आयकर दरों में कटौती या कर स्लैब बढ़ा सकती हैं। अगर ऐसा हुआ तो यह एक अच्छा कदम होगा। भारतीयों का बहुत छोटा हिस्सा ही वास्तव में टैक्स चुकाता है। तो क्या सरकार को उनका भी ख्याल रखना होगा? वास्तव में, यह आकलन गलत है कि भारतीयों का केवल एक छोटा-सा हिस्सा ही कर चुकाता है। सच्चाई यह है कि ज्यादातर लोगों को किसी न किसी प्रकार से टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। महालेखा नियंत्रक के आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 में केंद्र सरकार द्वारा अर्जित सकल कर राजस्व 34.6 ट्रिलियन रुपये था।
55 प्रतिशत रेवेन्यू देश को कंपनी और व्यक्तिगत आयकर से
डायरेक्ट या इनडायरेक्ट टैक्स सकल कर राजस्व का केवल 44.5 प्रतिशत हिस्सा हैं। व्यक्तिगत आयकर और कारपोरेट आयकर शेष 55 प्रतिशत से अधिक हिस्सा बनाते हैं। मतलब सरकार की कमाई का 55 प्रतिशत के करीब हिस्सा लोगों और कंपनियों की आय पर लगने वाले कर के माध्यम से आता है।ध्यान देने की बात है, साल 2023-24 में व्यक्तिगत आयकर ने सकल कर राजस्व का लगभग 29 प्रतिशत हिस्सा बनाया था, पर इसका मतलब यह नहीं है कि सरकार द्वारा एकत्र किए गए कर का एक बड़ा हिस्सा उन लोगों द्वारा भुगतान किया जाता है, जो व्यक्तिगत आयकर का भुगतान करते हैं। ज्यादा राजस्व कंपनियों पर लगने वाले आयकर से आता है।
सकल कर राजस्व क्या है?
यह मूल रूप से केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न करों के माध्यम से अर्जित धन है। इसमें व्यक्तिगत आयकर भी शामिल है, जिसका भुगतान मैं और तुम करते हैं। कारपोरेट या निगम भी आयकर चुकाते हैं। फिर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) है, जिसका भुगतान कारपोरेट और व्यक्ति, दोनों करते हैं।सीमा शुल्क, जिसमें मुख्य रूप से आयात पर करों के माध्यम से अर्जित धन शामिल है। केंद्रीय उत्पाद शुल्क है, जो सरकार वस्तुओं के उत्पादन और कभी-कभी उनकी बिक्री पर भी कमाती है। इन करों के माध्यम से सकल कर राजस्व का एक बड़ा हिस्सा अर्जित किया जाता है।
साल 2023-24 में केंद्र सरकार इनती आयकर अर्जित किए
साल 2023-24 में केंद्र सरकार ने विभिन्न करों के माध्यम से 34.6 ट्रिलियन रुपये कमाए, इसमें से 10.1 ट्रिलियन रुपये ही व्यक्तिगत आयकर से अर्जित किए गए थे। आयकर सकल कर राजस्व का 29 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है। इसके अलावा, सरकार ने कारपोरेट्स द्वारा भुगतान किए गए आयकर से 9.1 ट्रिलियन रुपये या सकल कर राजस्व का 26 प्रतिशत से थोड़ा अधिक कमाया। शेष 15.4 ट्रिलियन रुपये या सकल कर राजस्व का 44.5 प्रतिशत, मुख्य रूप से जीएसटी, उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क के माध्यम से अर्जित किया गया।कुल मिलाकर, इन टैक्स को इनडायरेक्ट टैक्स कहा जाता है। ये किसी उत्पाद या बेची जा रही सेवा की कीमत पर वसूले जाते हैं, क्योंकि किसी भी व्यवसाय के पीछे का विचार लाभ कमाना होता है। अत किसी भी उत्पाद या सेवा को खरीदने वाला अंतिम ग्राहक अंतत इन इनडायरेक्ट टैक्स का भुगतान करता है, हालांकि, उसे इसका ज्यादा एहसास नहीं होता।
टैक्स का सबसे अधिक भुगतान कौन करता है?
सितंबर 2023 में जारी आयकर विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि मूल्यांकन वर्ष 2022-23, यानी वित्तीय वर्ष 2021-22 में, लगभग 685 लाख व्यक्तिगत आयकर रिटर्न दाखिल किए गए थे। इसमें से 421 लाख या 61.5 प्रतिशत रिटर्न दाखिल करने वालों ने कोई कर नहीं चुकाया था। अन्य 202 लाख या 29.5 प्रतिशत टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों ने 1,50,000 रुपये तक का आयकर चुकाया था। औसतन, उन्होंने टैक्स के रूप में 38,959 रुपये से थोड़ा अधिक का भुगतान किया। कुल मिलाकर, यह राशि लगभग 78,726 करोड़ रुपये या वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान अर्जित आय पर व्यक्तिगत आयकर दाताओं द्वारा दिए गए 5.7 ट्रिलियन रुपये आयकर का 13.8 प्रतिशत थी।






