स्पेसएक्स के इस लॉन्च टेस्ट पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। कंपनी इस लॉन्च टेस्ट को लाइव स्ट्रीम भी करने जा रही है, जोकि भारतीय समय के अनुसार शाम करीब 5.45 बजे से शुरू हो जाएगा। अगर स्पेसएक्स अपने लॉन्च टेस्ट में सफल होती है, तो भविष्य में इस रॉकेट की मदद से इंसानों और जरूरी साजो-सामान को चंद्रमा और मंगल ग्रह तक ले जाया जा सकेगा। ऐसा हुआ तो इंसान सिर्फ पृथ्वी तक सीमित ना होकर मल्टीप्लैनेटरी प्रजाति बन जाएगा।
दोबारा इस्तेमाल होने वाला रॉकेट है स्टारशिप
स्टारशिप एक रीयूजेबल रॉकेट है। इसके मुख्य रूप से दो भाग हैं। पहला है- पैसेंजर कैरी सेक्शन यानी जिसमें यात्री रहेंगे, जबकि दूसरा है- सुपर हैवी रॉकेट बूस्टर। स्टारशिप और बूस्टर को मिलाकर इसकी लंबाई 394 फीट (120 मीटर) है। जबकि वजन 50 लाख किलोग्राम है। जानकारी के अनुसार, स्टारशिप रॉकेट 1.6 करोड़ पाउंड (70 मेगान्यूटन) का थ्रस्ट उत्पन्न करने में सक्षम है। यह नासा के स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट से लगभग दोगुना अधिक है।
आज नहीं होगी लैंडिंग की कोशिश, सब समुद्र में जाएगा
स्पेसएक्स काफी वक्त से ‘स्टारशिप’ के प्रोटोटाइप को टेस्ट कर रही है। स्टारशिप रॉकेट की एक पूर्ण आर्बिटल टेस्ट फ्लाइट अभी बाकी है। आज होने वाले लॉन्च टेस्ट में लैंडिंग की कोशिश नहीं की जाएगी। जानकारी के अनुसार, लॉन्च के फौरन बाद ‘सुपर हेवी बूस्टर’ स्टारशिप से अलग हो जाएगा। वह लॉन्च साइट से 20 मील दूर समुद्र में गिरेगा। वहीं, स्टारशिप रॉकेट की उड़ान जारी रहेगी। करीब 90 मिनट की स्पेसफ्लाइट हवाई द्वीप में काउई से लगभग 60 मील उत्तर-पश्चिम में प्रशांत महासागर में गिर जाएगी। अगर लॉन्च कामयाब होता है, तो स्टारशिप अकेला रॉकेट नहीं होगा। कंपनी ऐसे कई रॉकेट बनाने की योजना पर काम कर रही है।