एलन मस्क (Elon Musk) की स्पेस कंपनी ‘स्पेसएक्स’ (SpaceX) के स्टारशिप (Starship) वीकल लॉन्च टेस्ट को कल शाम आखिरी वक्त में टाल दिया गया। करीब 245 अरब रुपये की लागत वाला दुनिया का सबसे पावरफुल रॉकेट अपने परीक्षण की उड़ान नहीं भर सका। बताया जा रहा है कि स्टारशिप रॉकेट के फर्स्ट स्टेज, जिसे सुपर हैवी बूस्टर कहते हैं, उसमें प्रेशरराइजेशन सिस्टम के साथ समस्या आ गई। लॉन्च से ठीक पहले आई इस समस्या की वजह से आखिरी मिनटों में उड़ान को टालना पड़ा। अब एक अपडेट में स्पेसएक्स की ओर से बताया गया है कि कंपनी आगामी 20 अप्रैल को दोबारा स्टारशिप वीकल को लॉन्च करने की कोशिश करेगी।
Learned a lot today, now offloading propellant, retrying in a few days …
— Elon Musk (@elonmusk) April 17, 2023
स्पेसएक्स के मुताबिक, गुरुवार को 62 मिनट की लॉन्च विंडो भारतीय समय के अनुसार, शाम 6:58 बजे खुलेगी। देखना होगा कि उस दिन स्पेसएक्स को मिशन में कामयाबी मिलती है या नहीं। लॉन्च टेस्ट सफल होता है, तो यह स्पेस सेक्टर के लिए बहुत बड़ी बात होगी। माना जाता है कि स्टारशिप रॉकेट के जरिए ही एक दिन इंसान, मंगल ग्रह तक का सफर तय करेगा। एलन मस्क पहले ही कह चुके हैं कि लॉन्च के दौरान स्टारशिप में विस्फोट होने की 50 फीसदी संभावना है। उन्होंने कहा था कि लॉन्च ‘उबाऊ नहीं होगा।
सोमवार को जब स्पेसएक्स, स्टारशिप रॉकेट के लॉन्च की कोशिश कर रही थी, तब लाखों लोग मिशन को ऑनलाइन स्ट्रीम कर रहे थे। स्पेसएक्स के यूट्यूब चैनल पर आखिरी मिनटों में 10 लाख से ज्यादा दर्शक ऑनलाइन थे। एकदम आखिर में स्पेसएक्स की ओर से बताया गया कि वह आज लॉन्च नहीं करने जा रही और नई तारीख जल्द शेयर की जाएगी।
स्टारशिप एक रीयूजेबल रॉकेट है। इसके मुख्य रूप से दो भाग हैं। पहला है- पैसेंजर कैरी सेक्शन यानी जिसमें यात्री रहेंगे, जबकि दूसरा है- सुपर हैवी रॉकेट बूस्टर। स्टारशिप और बूस्टर को मिलाकर इसकी लंबाई 394 फीट (120 मीटर) है। जबकि वजन 50 लाख किलोग्राम है। जानकारी के अनुसार, स्टारशिप रॉकेट 1.6 करोड़ पाउंड (70 मेगान्यूटन) का थ्रस्ट उत्पन्न करने में सक्षम है। यह नासा के स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट से लगभग दोगुना अधिक है।
गुरुवार को होने वाले लॉन्च टेस्ट के दौरान रॉकेट के उड़ान भरने के करीब 8 मिनट बाद ‘सुपर हेवी बूस्टर’ स्टारशिप से अलग हो जाएगा। वह लॉन्च साइट से 20 मील दूर समुद्र में गिरेगा। वहीं, स्टारशिप रॉकेट की उड़ान जारी रहेगी। करीब 90 मिनट की स्पेसफ्लाइट हवाई द्वीप में काउई से लगभग 60 मील उत्तर-पश्चिम में प्रशांत महासागर में लैंड करेगी। अगर लॉन्च कामयाब होता है, तो स्टारशिप अकेला रॉकेट नहीं होगा। कंपनी ऐसे कई रॉकेट बनाने की योजना पर काम कर रही है।






