Election Commission Controversy: जन सुराज (Jan Suraj) के संयोजक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने चुनाव आयोग (Election Commission) की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि आयोग सत्ता समर्थक नजर आता है और यदि मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner – CEC) की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India – CJI) को भी शामिल किया जाता, तो आयोग की विश्वसनीयता (Credibility) और अधिक मजबूत होती।
चुनाव आयोग पर लगाए सत्ता समर्थक होने के आरोप
एक इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब सत्ता में रही सरकारों को चुनाव आयोग से फायदा मिला हो। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में छठ पर्व के चलते उपचुनाव की तारीखें बढ़ा दी गईं, जबकि बिहार (Bihar) में भी छठ पर्व होता है। यह इसलिए हुआ क्योंकि बीजेपी (BJP) को प्रचार के लिए ज्यादा समय चाहिए था। इससे यह स्पष्ट होता है कि चुनाव आयोग सत्ता के पक्ष में फैसले लेता है।”
EVM मुद्दे पर विपक्ष को दी सलाह
EVM (Electronic Voting Machine) पर विपक्ष के रुख पर बोलते हुए किशोर ने कहा, “अगर विपक्ष को लगता है कि EVM में गड़बड़ी है, तो उसे यह तय करना होगा कि चुनाव लड़ना है या नहीं। यह स्वीकार्य नहीं है कि जब जीतते हैं तो EVM सही, और जब हारते हैं तो उसमें गड़बड़ी।”
CEC की नियुक्ति पर उठाए सवाल
प्रशांत किशोर ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की नियुक्ति प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “अगर नियुक्ति समिति में प्रधानमंत्री (Prime Minister), गृह मंत्री (Home Minister) और विपक्ष के नेता (Leader of Opposition) शामिल हैं, तो भी फैसले सरकार के पक्ष में ही आएंगे। अगर इसमें CJI को शामिल किया जाता तो नियुक्ति प्रक्रिया अधिक निष्पक्ष मानी जाती।”
चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर खतरा?
उन्होंने आगे कहा, “जब बंगाल (Bengal) चुनाव हुए थे, तो हर जिले को सात चरणों में बांटकर मतदान कराया गया, जिससे यह सवाल खड़े होते हैं कि क्या चुनाव आयोग निष्पक्ष है या सत्ता समर्थक। यह जनता में विश्वास की कमी पैदा करता है।”
प्रशांत किशोर का यह बयान चुनाव आयोग की निष्पक्षता और संस्थाओं की विश्वसनीयता पर एक नई बहस को जन्म देता है। उनकी दलील है कि यदि CJI को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल किया जाए, तो चुनाव आयोग की साख में इजाफा हो सकता है।