Government Farmers Meeting : पंजाब के चंडीगढ़ में किसानों और केंद्र सरकार के बीच दूसरे दौर की बातचीत बिना किसी ठोस नतीजे के समाप्त हो गई। इस अहम बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित सरकार के अन्य मंत्री शामिल हुए, जहां किसानों की मांगों पर विस्तार से चर्चा की गई।
क्या रहा बैठक का नतीजा?
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बातचीत को सकारात्मक बताया और कहा कि सरकार किसानों के साथ खुला संवाद कर रही है। उन्होंने कहा, “हमने किसानों की समस्याओं को ध्यान से सुना और मोदी सरकार की प्राथमिकताओं को सामने रखा, जो किसानों के कल्याण से जुड़ी हैं।”
हालांकि, किसानों ने साफ कर दिया कि वे MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी के बिना पीछे हटने वाले नहीं हैं। किसान नेताओं ने बैठक में सरकार के सामने अपनी बात स्पष्ट रूप से रखी, लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकल सका।
पंजाब सरकार भी किसानों के साथ
बैठक में पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा भी मौजूद रहे। उन्होंने किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह एक्टिव है और इस मुद्दे का सकारात्मक समाधान निकालने की पूरी कोशिश कर रही है।
उन्होंने बताया कि MSP वार्ता का मुख्य बिंदु रहा और इस संबंध में एक डेटा जल्द ही केंद्र सरकार को सौंपा जाएगा, जिसमें यह बताया जाएगा कि कौन-सी फसल कितनी मात्रा में खुले बाजार में बिकती है।
केंद्र सरकार का प्रस्ताव और किसानों की प्रतिक्रिया
बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्रियों ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से भूख हड़ताल खत्म करने का अनुरोध किया। लेकिन डल्लेवाल ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक सभी फसलों पर MSP की गारंटी नहीं मिलती, तब तक अनशन जारी रहेगा।
अब सरकार और किसानों के बीच अगली बैठक 19 मार्च को चंडीगढ़ में होगी। देखना होगा कि क्या इस बार कोई ठोस नतीजा निकलता है या किसानों का संघर्ष और लंबा खिंचता है।