Donation For Treatment: दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे मासूम के लिए फरिश्ता बनकर आया शख्स (The News Air)

मुंबई (The News Air): महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजधानी मुंबई (capital Mumbai) के एक दंपति को उनकी जिंदगी में फरिश्ता बनकर आए एक अनजान व्यक्ति से 15.31 करोड़ रुपये की निधि मिली है जिससे वह दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे अपने 16 माह के बेटे की जान बचा सकते हैं। मरीन इंजीनियर सारंग मेनन (Sarang Menon) और अदिति नायर का बेटा निर्वाण ‘स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी’ (SMA) टाइप-2 से पीड़ित है। यह एक दुर्लभ बीमारी है जिसकी एक बार की दवा की कीमत तकरीबन 17.3 करोड़ रुपये है। दंपति हाल में मुंबई से केरल चला गया।

नायर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि एक ऐप पर ऑनलाइन निधि एकत्रित करने के लिए पेज शुरू करने के बाद से ही दानराशि आनी शुरू हो गई लेकिन 15.31 करोड़ रुपये देने वाले व्यक्ति की पहचान गुप्त है। जब निधि एकत्रित करने का अभियान शुरू किया गया तो मेनन ने 17.50 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था। नायर ने कहा, ‘‘हम बहुत खुश है कि इस योगदान से हम अपने लक्ष्य के बहुत करीब पहुंच गए हैं। मुझे लगता है कि हम बाकी की निधि अपने आप और अपने रिश्तेदारों तथा दोस्तों से जुटा लेंगे।”

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, हमें कुछ अनिवार्य जांच के लिए निर्वाण को मुंबई वापस लाने में कम से कम दो-तीन हफ्ते का वक्त लगेगा और अमेरिका से दवाई मुंबई पहुंचने में भी वक्त लगेगा।” परिवार ने दवाई मंगाने के लिए पहले ही केंद्रीय वित्त मंत्रालय और आयात-निर्यात विभाग से संपर्क करना शुरू कर दिया है। हिंदुजा हॉस्पिटल में बाल न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. नीलू देसाई निर्वाण का इलाज करेंगी। एसएमए बीमारियों का एक समूह है जिसमें मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में हाथ, पैर, चेहरा, गला और जीभ की गतिविधियों को नियंत्रित करने वाली विशेष तंत्रिका कोशिकाएं मर जाती हैं। (एजेंसी)

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