Delhi Government Bungalow Allotment : दिल्ली (Delhi) सरकार के नए मंत्रियों के लिए सरकारी बंगलों का आवंटन अब पूरा हो चुका है। नए मंत्रियों को उनकी ज़िम्मेदारी के अनुसार अलग-अलग लोकेशन में बंगले दिए गए हैं। सबसे खास बात यह है कि नेता विपक्ष आतिशी (Atishi) को भी अब एक नया सरकारी आवास मिल गया है, जबकि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) के ठिकाने को लेकर अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। उन्होंने पहले ही यह कह दिया है कि वह उस बंगले में नहीं रहेंगी जिसे भाजपा ने ‘शीशमहल’ कहा है।
शिक्षा मंत्री आशीष सूद (Ashish Sood) और स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह (Pankaj Singh) को मालचा रोड (Malcha Road), चाणक्यपुरी (Chanakyapuri) में बंगला मिला है। पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा (Parvesh Verma) को विंडसर रोड (Windsor Road) का वही बंगला फिर से आवंटित किया गया है जिसमें वह पहले सांसद रहते हुए रह रहे थे। 2024 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने हिस्सा नहीं लिया, लेकिन नियमों के मुताबिक किराया देकर उसी बंगले में रहना जारी रखा।
कानून मंत्री कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) और सामाजिक कल्याण मंत्री रविन्द्र इन्द्रराज (Ravindra Indraraj) को सिविल लाइंस (Civil Lines) में बंगले दिए गए हैं। इसके साथ ही मोहन सिंह बिष्ट (Mohan Singh Bisht) को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) वाला बंगला मिला है, जो सिविल लाइंस में राजनिवास मार्ग (Raj Niwas Marg) पर स्थित है।
आतिशी (Atishi) को अब 115 अंसारी रोड (Ansari Road), दरियागंज (Daryaganj) में नेता विपक्ष के तौर पर नया सरकारी बंगला आवंटित किया गया है। मंत्री रहते हुए उन्हें मथुरा रोड (Mathura Road) पर बंगला मिला था, और बाद में उन्हें वह बंगला भी अलॉट हुआ जिसमें पहले अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) रहते थे। हालांकि वह वहां कभी शिफ्ट नहीं हो सकीं।
अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) के सरकारी निवास पर टिकी हुई हैं। सूत्रों के अनुसार उनके लिए लुटियंस ज़ोन (Lutyens Zone) में नया आवास तलाशा जा रहा है, लेकिन अभी तक किसी एक स्थान पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है। रेखा गुप्ता पहले ही कह चुकी हैं कि वह ‘शीशमहल’ जैसे बंगले में नहीं रहेंगी जो पहले केजरीवाल का सरकारी निवास हुआ करता था और जिसे भाजपा ‘फिजूलखर्ची’ का प्रतीक मानती है।
दिल्ली की सियासत में इस समय जहां एक ओर सत्ता परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, वहीं बंगलों का आवंटन भी एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा है। मुख्यमंत्री का पता तय होना न केवल राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सरकार की प्राथमिकताओं का संकेत भी माना जाएगा।