नई दिल्ली, 3 जून
पिछले काफी दिनों से एलोपैथी और आयुर्वेद को लेकर चल रहा विवाद अब दिल्ली हाईकोर्ट में पहुंच गया है। उधर दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने इसको लेकर याचिका दायर कर दी है। डीएमए ने याचिका में बाबा रामदेव (Baba Ramdev) के खिलाफ मामला दर्ज कर के उन्हें कोरोनिल टैबलेट के संदर्भ में झूठे दावे और गलत बयानबाजी करने से रोकने की अपील की गई है।
याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) से कहा है कि ‘आप लोगों को कोर्ट का समय बर्बाद करने की बजाए कोरोना महामारी का इलाज की तलाश करने में समय व्यतीत करना चाहिए।’ इस पर DMA ने कोर्ट से कहा कि बाबा रामदेव अपनी दवा को कोविड-19 के इलाज के तौर पर दावा कर रहे हैं। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि आपने खुद कहा है कि दावा झूठा है और अगर मान भी लिया जाए कि यह झूठा है तो इस पर संज्ञान तो मिनिस्ट्री ऑफ आयुष को लेना है, आप इससे कैसे प्रभावित हो रहे हैं।
आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल (Coronil) के संबंध में गलत प्रचार से रामदेव को रोकने के बारे में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) की अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कहा कि कोर्ट नहीं बोल सकता कि कोरोनिल कोरोना का इलाज है या नहीं, क्योंकि मेडिकल एक्सपर्ट ही इसके बारे में पता लगा सकते हैं.
हाईकोर्ट ने यह भी कहा यदि नियमों की उल्लंघना हुई है तो मंत्रालय ही निधार्रित करेगा कि क्या गलत है। आप क्यों मशाल उठाकर आगे की ओर चल रहे हैं। कोर्ट ने डीएमओ को कहा कि आप वीडियो को अदालत में पेश ही नहीं कर सके, क्योंकि अगर वह यूट्यूब से ही हटा दिए गए हैं, तो वह बेकार हैं। आपको मूल दस्तावेज फाइल करने की जरूरत है।
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कोरोनिल के बारे में कहा कि, ‘रामदेव कहते हैं कि उनको एलोपैथी पर भरोसा ही नहीं है और उन्हें लगता है कि सब कुछ योग और आयुर्वेद से ही ठीक हो सकता है। वह सही भी हो सकते हैं और गलत भी हो सकते हैं। एलोपैथिक किसी के लिए कार्य करती है और किसी के लिए नहीं, यह सबका अपना-अपना नजरीया है। हम इस मामले में नोटिस जारी कर सकते हैं, लेकिन हम बाबा रामदेव को रोक नहीं सकते हैं.