The News Air – पिछले एक साल में भारत 11,607 करोड़ रुपए के हथियार बेच चुका है। यह आंकड़ा 8 साल पहले के डिफेंस एक्सपोर्ट से 6 गुना ज़्यादा है। 2014-2015 में 1,941 करोड़ रुपए के हथियारों को एक्सपोर्ट किया गया था। लोकसभा में रक्षा मंत्रालय की ओर से यह जानकारी जूनियर डिफेंस मिनिस्टर अजय भट्ट ने एक सवाल के जवाब में दी।
ग्लोबल टेंडर्स में हिस्सा लेने DRDO और PSU को मिले अधिकार
उन्होंने कहा, “इस दौरान, सरकार ने डिफेंस एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने और डील्स को आसान बनाने के लिए कई क़दम उठाए हैं। प्रोसेस को सरल बनाया है, एक्सपोर्ट के अवसरों का पता लगाने और ग्लोबल टेंडर्स में हिस्सा लेने के लिए DRDO और PSU (पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग) को भी अधिकार दिए हैं।
उन्होंने बताया कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड और उसके 41 फैक्ट्रीज के 7 डिफेंस PSU भी एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने मंय मदद करेंगे।
रक्षा बजट भी 10 साल में दोगुना हुआ
भट्ट के मुताबिक़ 2013-14 देश का डिफेंस बजट 2.53 लाख करोड़ रुपए था। अब यह दोगुना होकर लगभग 5.25 लाख करोड़ रुपए हो गया है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट (SIPRI) ने डिफेंस बजट में ख़र्च के आधार पर भारत को अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर रखा है। सिपरी के मुताबिक़ भारत ने पिछले दशक में डिफेंस बजट पर ख़र्च 76% बजट बढ़ाया है। इसके उलट पूरी दुनिया में इस दौरान डिफेंस बजट का ख़र्च केवल 9% बढ़ा।
हथियारों में देश की आत्मनिर्भरता बढ़ी
हथियारों के मामले में पिछले कुछ सालों में भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ी है। SIPRI के मुताबिक़ रूस से हथियारों के इम्पोर्ट में भी 21% की कमी आई है। हथियारों की खरीदी 2012-17 के 69% से घटकर 2017-21 में 46% रह गई। इसके बावज़ूद भी दुनिया में भारत 2017-21 के बीच में हथियारों का सबसे बड़ा आयातक रहा। यानी इस दौरान भारत ने दुनिया भर में हथियारों के कुल आयात में भारत की हिस्सेदारी 11% रही।