Windfall Gains Tax : सरकार ने कच्चे तेल, डीजल और एटीएफ (हवाई ईंधन) पर विडफाल गेन्स टैक्स (Windfall Gains Tax) को बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के सर्कुलर के मुताबिक बढ़ी हुई दरें आज शनिवार 4 फरवरी 2023 से प्रभावी हो गई हैं। मंत्रालय के सर्कुलर के मुताबिक क्रूड पेट्रोलियम पर स्पेशल एडीशनल एक्साइज डयूटी (SAED) में 3150 रुपये प्रति टन की बढ़ोतरी हुई है जबकि डीजल और एयर टर्बाइन फ्यूल (ATF) के एसएईडी में प्रति लीटर 2.5 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। बता दें कि जमीन के भीतर से जो निकाला जाता है, वह कच्चा तेल होता है। रिफाइन करने के बाद इसे पेट्रोल, डीजल और एटीएफ में बदला जाता है।
अब कितना टैक्स
बदलाव के बाद अब कच्चे तेल या क्रूड पेट्रोलियम पर स्पेशल एडीशनल एक्साइज डयूटी (SAED) बढ़कर 5050 रुपये प्रति टन हो गया है। वहीं डीजल की एसएईडी बढ़कर 7.5 रुपये प्रति लीटर और एटीएफर पर 6 रुपये प्रति लीटर हो गई है। वहीं पेट्रोल पर कोई एसएईडी नहीं है। सीएनबीसी-टीवी18 को सूत्रों के हवाले से जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक सरकार इस वित्त वर्ष में विंडफाल गेन्स टैक्स से 25000 करोड़ जुटाने की उम्मीद कर रही है। हालांकि सरकार ने अगले साल के लिए कोई अनुमान नहीं तैयार किया है क्योंकि ये लेवी डायनमिक हैं और इनमें समय-समय पर बदलाव हो सकता है।
पिछले साल पहली बार आया था Windfall Gains Tax
विंडफाल गेन्स टैक्स को पहली बार पिछले साल 1 जुलाई 2022 को लाया गया था। इसके बाद भारत उन देशों में शामिल हो गया, जहां एनर्जी कंपनियों के सुपर नॉर्मल प्रॉफिट पर अतिरिक्त टैक्स लगाया जाता है। उस समय पेट्रोल और एटीएफ, दोनों पर 6 रुपये प्रति लीटर (412 डॉलर प्रति बैरल) और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर (26 डॉलर प्रति बैरल) की एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई गई थी। वहीं घरेलू कच्चे तेल पर 23250 रुपये प्रति टन (40 डॉलर प्रति बैरल) का विंडफाल प्रॉफिट टैक्स लगाया गया था। हालांकि इसके बाद पहले ही रिव्यू में पेट्रोल पर एक्सपोर्ट टैक्स हटा लिया गया था। अगर ऑयल प्रोड्यूसर्स 75 डॉलर प्रति बैरल से अधिक भाव पर तेल बेचती हैं तो इस विंडफाल प्रॉफिट पर टैक्स लगाती है। तेल के निर्यात पर मार्जिन के हिसाब से लेवी लगाई जाती है।