– बड़ी शर्म की बात है कि मेडल जीतने पर पहलवानों को घर बुलाकर प्रधानमंत्री सारी फुटेज खुद ले जाते हैं, लेकिन उनके साथ अपमानजनक घटना होने पर जांच तक नहीं कराई गई- दुर्गेश पाठक
– भाजपा वाले अपनी होर्डिंग में पहलवानों की फोटो लगाकर दिखाते हैं कि जीत में मोदी जी का भी हाथ है, लेकिन जब पिछले एक साल से वह संघर्ष कर रहे हैं तो उनके साथ कोई नहीं खड़ा हुआ- दुर्गेश पाठक
– देश को गौर्वान्वित करने वाले पहलवान साथियों के साथ सिस्टम ऐसा कर सकता है तो आम लोगों के साथ क्या होगा?- दुर्गेश पाठक
– किसान वीपी जगदीप धनखड़ इसपर कब चुप्पी तोड़ेंगे, इसका इंतजार है क्योंकि किसानों पर अत्याचार हुआ है- दुर्गेश पाठक
– दबदबा चरित्रवान का रहेगा चरित्रहीन का नहीं, दबदबा सीता का रहेगा रावण का नहीं, दबदबा साक्षी का रहेगा बृजभूषण का नहीं- दुर्गेश पाठक
– जब इतिहास लिखा जाएगा तो यह भी लिखा जाएगा कि किस तरह से भाजपा महिलाओं का शोषण करने वाले के साथ खड़ी रही- दुर्गेश पाठक
नई दिल्ली, 22 दिसंबर (The News Air) “आप” विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा कि देश के पहलवान साथियों को भाजपा से न्याय नहीं मिलने के कारण साक्षी मलिक ने रोते हुए कुश्ती छोड़ दी। बड़ी शर्म की बात है कि मेडल जीतने पर पहलवानों को घर बुलाकर प्रधानमंत्री सारी फुटेज खुद ले जाते हैं। भाजपा वाले अपनी होर्डिंग में पहलवानों की फोटो लगाकर दिखाते हैं कि जीत में मोदी जी का भी हाथ है, लेकिन जब पिछले एक साल से वह संघर्ष कर रहे हैं तो उनके साथ कोई नहीं खड़ा हुआ। जब इतिहास लिखा जाएगा तो यह भी लिखा जाएगा कि किस तरह से भाजपा महिलाओं का शोषण करने वाले के साथ खड़ी रही। दुर्गेश पाठक ने कहा कि देश को गौर्वान्वित करने वालों के साथ सिस्टम ऐसा कर सकता है तो आम लोगों के साथ क्या होगा? किसान वीपी जगदीप धनखड़ इसपर कब चुप्पी तोड़ेंगे, इसका इंतजार है क्योंकि किसानों पर अत्याचार हुआ है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता, राजेंद्र नगर के विधायक एवं एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण प्रेसवार्ता को संबोधित किया। दुर्गेश पाठक ने कहा कि हमारे देश के पहलवानों ने भारत माता का मस्तक ऊंचा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कल पूरे देश ने देखा कि किस तरह से मीडिया से मुखातिब होते हुए हमारे पहलवान भाई-बहनों की आंखों में आंसू थे, उनके सीने में दर्द था। बड़े ही दुख की बाद है कि न्याय नहीं मिलने से निराश होकर साक्षी मलिक ने पहलवानी छोड़ दी। बड़ी शर्म की बात है कि जब वह लोग मेडल जीत कर आत हैं तो प्रधानमंत्री उन्हें अपने घर पर चर्चा के लिए बुलाते हैं और सारी फुटेज खुद प्रधानमंत्री लेना चाहते हैं। लेकिन जब उनके साथ एक अपमानजनक घटना घटित हुई तो उसकी जांच तक नहीं कराई गई।
उन्होंने कहा कि पूरे देश ने देखा कि कैसे यह पूरा सिस्टम और बच्चों को हराने में लगा हुआ था। जब मैं उनकी प्रेसवार्ता देख रहा था तो बहुत दुख हो रहा था कि जब इतने परिचित पहलवान साथियों के साथ यह सिस्टम ऐसा कर सकता है तो आम लोगों के साथ क्या होगा। कई बार मनोबल गिरता है कि अब लड़ना चाहिए या नहीं। मैं गांधी जी की एक लाइन कहना चाहूंगा। जब वह निराश होते थे तो हमेशा सोचते थे कि इतिहास में बहुत बार ऐसा समय आया है जब हत्यारे, लुटेरे और दुराचारियों को लगता है कि वह कभी हार नहीं सकते हैं। लेकिन अंत में विजय सत्य की होती है।
विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि जब पहलवान साथी मेडल जीत कर आते हैं तो पूरी भाजपा उनके पक्ष में खड़ी रहती है। उनकी फोटो अपनी होर्डिंग में लगाकर पूरी दुनिया में बताने की कोशिश करते हैं कि यह जो मेडल जीता गया है उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का भी हाथ है, मोदी जी ने भी दो-तीन नुस्खे बताए थे कि कैसे पटकना है और कैसे नहीं पटकना है। लेकिन अब जब पिछले एक साल से वह संघर्ष कर रहे हैं तो उनके साथ कोई नहीं खड़ा हुआ। उसके साथ सिर्फ इस देश की आम जनता खड़ी हुई थी। किसान वीपी जगदीप धनखड़ इसपर चुप्पी तोड़ेंगे या नहीं इसका इंतजार है क्योंकि किसानों पर अत्याचार हुआ है।
“आप” नेता ने कहा कि इस पूरे मामले में जिसपर सारा आरोप लगा हुआ है, उनकी एक रियल वायरल हो रही है जिसमें वह कह रहे हैं की दबदबा उनका रहेगा। मैं एक ही चीज कहना चाहता हूं कि इतिहास देखोगे और भगवान का न्याय देखोगे तो दबदबा चरित्रवान का रहा है, चरित्रहीन का नहीं। दबदबा संतों का रहेगा, गुडों का नहीं। दबदबा सीता का रहेगा, रावण का नहीं। दबदबा रक्षकों का रहेगा, भक्षकों का नहीं। दबदबा गांधी का रहेगा, गोडसे का नहीं। दबदबा खिलाड़ियों का रहेगा, शोषकों का नहीं। दबदबा साक्षी का रहेगा, बृजभूषण का नहीं। मैं पहलवान साथियों से कहना चाहता हूं कि यह लड़ाई लंबी है लेकिन हार बिल्कुल ना मानें। पूरा देश आपके साथ खड़ा है। जब इतिहास लिखा जाएगा तो यह भी लिखा जाएगा कि किस तरह से भाजपा महिलाओं का शोषण करने वाले के साथ खड़ी रही।