The News Air- (चंडीगढ़) पंजाब कांग्रेस का दिल्ली में चुनाव कैंपेन को लेकर मंथन ख़त्म हो गया है। इसमें तय हुआ कि पंजाब में चुनाव प्रचार का आगाज़ राहुल गांधी करेंगे। जो दिसंबर के आखिरी हफ़्ते में यानी 25 से 30 दिसंबर के बीच यहां रैली में शामिल होंगे। चुनाव के लिए कोड ऑफ़ कंडक्ट लगते ही स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी जाएगी।
दिल्ली में यह मीटिंग पंजाब चुनाव के लिए कांग्रेस कैंपेन कमेटी के चेयरमैन सुनील जाखड़ की अगुवाई में हुई। जाखड़ ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं से अच्छी चर्चा हुई है। जिसमें यह तय किया गया कि अगले चुनाव में लोगों के बीच किस तरह से कांग्रेस पार्टी को लेकर जाना है। मंत्री परगट सिंह ने भी मीटिंग को पॉजिटिव क़रार दिया।
सिद्धू ने साधे थे चन्नी-रंधावा पर निशाने
एक हफ़्ते पहले कांग्रेस कैंपेन कमेटी की पहली मीटिंग चंडीगढ़ में हुई थी। जिसकी अध्यक्षता कैंपेन कमेटी के चेयरमैन सुनील जाखड़ ने की थी। जाखड़ ने पूछा था कि हमारा प्रचार व्यक्ति, उपलब्धि या विश्वसनीयता में से किस पर आधारित होना चाहिए। इस पर सिद्धू कह बैठे कि हर घर में जिसकी फ़ोटो लगी है, वोट भी उन्हीं से डलवा लो।
सिद्धू की यह बात सीएम चरणजीत चन्नी के लिए मानी गई, लेकिन तब वह वहाँ मौजूद नहीं थे। सिद्धू ने अप्रत्यक्ष तरीक़े से डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा पर भी निशाना साधा कि नेताओं के रिश्तेदारों को अहम पदों से हटाया जाए। रंधावा के दामाद तरुण वीर लहल को पंजाब सरकार ने एडिशनल एडवोकेट जनरल लगाया है।
साढ़े 3 घंटे की मीटिंग में नहीं हुआ था फ़ैसला
चंडीगढ़ में यह मीटिंग क़रीब साढ़े 3 घंटे चली। हालांकि कांग्रेस किसी अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। कांग्रेस चाहती थी कि पंजाब में 32% SC वोट बैंक को देखते हुए सीएम चरणजीत चन्नी को आगे कर चुनाव लड़ा जाए। हालांकि सिद्धू के रवैए को देखते हुए इस पर बात नहीं बनी।
उपलब्धि को लेकर कांग्रेस नहीं जाना चाहती क्योंकि फिर इसका फ़ायदा साढ़े 4 साल सीएम रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह उठा सकते हैं। जो इस बार भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। विश्वसनीयता को लेकर भी प्रचार संभव नहीं क्योंकि कांग्रेस 2017 के बेअदबी और ड्रग्स केस में इंसाफ़ के अलावा बेरोज़गारी, किसानों की क़र्ज़ माफ़ी जैसे अपने बड़े चुनावी वादे पूरे नहीं कर सकी।