Deported Indians Plane Landing in Amritsar: अमेरिका (USA) से डिपोर्ट किए गए भारतीयों के विमान को अमृतसर (Amritsar) एयरपोर्ट पर उतारे जाने को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) भड़क गए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए इसे पंजाबियों को बदनाम करने की साजिश बताया।
CM मान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा कि डिपोर्ट हुए भारतीयों के जहाज सिर्फ अमृतसर में ही क्यों लैंड कर रहे हैं? उन्होंने सवाल उठाया कि अगर यह नेशनल इशू है तो केंद्र सरकार इन जहाजों को दिल्ली (Delhi) या किसी अन्य एयरपोर्ट पर क्यों नहीं उतार रही?
CM Mann का केंद्र सरकार पर हमला
CM मान ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा:
- पहला जहाज 5 फरवरी को अमृतसर में उतारा गया, अब दूसरा जहाज भी अमृतसर में ही उतारने की तैयारी।
- 67 पंजाबी डिपोर्ट किए गए, केंद्र सरकार पंजाब और पंजाबियों को टारगेट कर रही है।
- अगर यह नेशनल इशू है, तो जहाज दिल्ली, मुंबई (Mumbai) या अन्य शहरों में भी उतरने चाहिए।
- सिर्फ अमृतसर एयरपोर्ट को ही क्यों चुना गया? क्या पंजाबियों को बदनाम करने की कोशिश हो रही है?
क्या है पूरा मामला?
हाल ही में अमेरिका से कई भारतीयों को डिपोर्ट किया गया है। इन डिपोर्टेड भारतीयों को लेकर 5 फरवरी को एक विमान अमृतसर में उतरा था, जिसके बाद पंजाब सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई थी। अब 10 फरवरी को दूसरा विमान भी अमृतसर में लैंड कराने की तैयारी है।
CM मान का कहना है कि केंद्र सरकार पंजाब को बदनाम करने के लिए ऐसा कर रही है। उन्होंने साफ कहा कि पंजाब की धरती का इस तरह इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
पंजाब को ही टारगेट क्यों किया जा रहा?
CM मान ने कहा कि डिपोर्टेशन कोई राज्य विशेष का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय समस्या है।
- अगर कोई भारतीय अमेरिका से डिपोर्ट हो रहा है, तो उसे दिल्ली या अन्य शहरों में भी उतारा जा सकता है।
- पंजाब को ही क्यों टारगेट किया जा रहा है? पंजाबियों को बदनाम करने की यह साजिश नहीं तो और क्या है?
- पहला जहाज अंबाला (Ambala) या अन्य जगह क्यों नहीं उतारा गया?
केंद्र सरकार की सफाई क्या है?
इस मामले में केंद्र सरकार की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंडिंग की वजह वहां की सुविधाएं और उड़ान रूट्स हैं।
अब आगे क्या?
CM मान ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है और यह स्पष्ट कर दिया है कि पंजाब सरकार इसे हल्के में नहीं लेगी। उन्होंने केंद्र से यह भी मांग की है कि डिपोर्टेड भारतीयों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक समान नीति बनाई जाए।
अब देखना यह होगा कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या अमृतसर में ही डिपोर्टेड भारतीयों के विमान उतरते रहेंगे?