The News Air- (चंडीगढ़) कृषि सुधार क़ानून वापस होने के बाद भी कांग्रेस पंजाब में किसानों का मुद्दा नहीं छोड़ेगी। मंगलवार को CM चरणजीत चन्नी ने किसानों की क़र्ज़ माफ़ी में केंद्र को भी घसीट लिया। CM ने पीएम नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा है। जिसमें किसानों की पूर्ण क़र्ज़ माफ़ी में मदद के लिए कहा है। सीएम ने कहा कि केंद्र पहल करे, फिर राज्य भी योगदान देंगे।
हालांकि CM चन्नी का यह दांव अकाली दल को रास नहीं आया। अकाली प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि कल को सस्ती बिजली में भी सीएम चन्नी केंद्र सरकार से आधा पैसा देने की मांग करेंगे।
CM चन्नी को बताया 25% मुख्यमंत्री
सुखबीर बादल ने कहा कि सीएम चन्नी चाहते हैं कि केंद्र की गैर कांग्रेसी सरकार क़र्ज़ माफ़ी के कांग्रेस के वादे को 50% पूरा करे। उन्होंने कहा कि 25% मुख्यमंत्री 5 महीने के कार्यकाल में खुलेआम स्वीकार कर रहे हैं कि लोग उनकी बातों पर आधा ही भरोसा कर सकते हैं। सीएम चन्नी की अगली मांग उनके 3 रुपए बिजली यूनिट के वादे में 1.50 रुपए देने की होगी।
क़र्ज़ माफ़ी का वादा कांग्रेस का या केंद्र का?
सुखबीर ने पूछा कि किसानों की क़र्ज़ माफ़ी का वादा कांग्रेस ने किया था या केंद्र सरकार ने। उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस का मैनिफेस्टो BJP द्वारा प्रायोजित है। सुखबीर ने कहा कि हम उनकी सीक्रेट डील जानते हैं लेकिन इतना बेशर्म नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस झूठ की पार्टी हैं। यहां पर CM चन्नी ने 50% स्वीकार कर लिया है।
किसानों पर झगड़ा भलाई से ज़्यादा वोट बैंक
किसान के मुद्दे पर राजनीतिक झगड़ा भलाई से कहीं बढ़कर वोट बैंक है। पंजाब की 117 विस सीटों में से 77 पर किसानों का डॉमिनेंस है। ख़ासकर, सबसे ज़्यादा सीटों वाले मालवा क्षेत्र में सबसे ज़्यादा किसान हैं। कांग्रेस अब तक कृषि क़ानूनों के सहारे अकाली दल और भाजपा को घेर रही थी। हालांकि अब केंद्र ने क़ानून वापस लेकर यह दांव फेल कर दिया है। जिसके बाद क़र्ज़ माफ़ी को मुद्दा बनाया जा रहा है। कुछ दिन पहले किसान संगठनों से मीटिंग में सीएम चन्नी ने इस बारे में सोचने का समय मांगा था।