नई दिल्ली, 29 जनवरी (The News Air) दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्ली के पानी के मुद्दे पर भाजपा शासित हरियाणा सरकार का बचाव कर रहे एलजी वीके सक्सेना को चिट्ठी लिखकर तीखा पलटवार किया है। उन्होंने लोगों के जीवन से जुड़े पानी के मसले पर राजनीति करने पर एलजी की कड़ी निंदा की है। सीएम ने मांग की है कि एलजी साहब अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाएं या फिर अपना पद छोड़ दें। सीएम आतिशी ने कहा कि एलजी साहब के पत्र में भी स्वीकार किया गया है कि पानी में अमोनिया का स्तर तय सीमा से 700 फीसद ज्यादा है, फिर भी उन्होंने जनहित की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
सीएम आतिशी ने कहा कि दिल्ली में पानी की गुणवत्ता का मुद्दा बार-बार आम आदमी पार्टी की सरकार और विधायकों ने उठाया है। अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में तब दखल दिया, जब दिल्ली के लोगों के लिए साफ पानी देने के हमारी मांग को नजरअंदाज किया गया। अगर एलजी साहब को सच में दिल्ली की जनता की फिक्र होती, तो वह हरियाणा को जिम्मेदार ठहराते और इस संकट को रोकते, लेकिन उन्होंने सच बोलने के लिए हमें निशाना बनाया।
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने एलजी विनय कुमार सक्सेना को लिखे पत्र में कहा है कि यह पत्र 28 जनवरी को आपके कार्यालय से प्राप्त पत्र के जवाब में है। यह बहुत निराशाजनक है, लेकिन यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि आपने दिल्ली के पानी में खतरनाक स्तर पर अमोनिया के मुद्दे को सुलझाने के बजाय बिना किसी आधार के आरोप लगाए हैं और अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में पूरी तरह से नाकाम रहने और ध्यान भटकाने के लिए झूठा प्रचार किया है।
सीएम आतिशी ने कहा है कि दिल्ली के उपराज्यपाल के रूप में आपकी संवैधानिक जिम्मेदारी दिल्ली के लोगों के प्रति है, न कि आपके राजनीतिक आकाओं और भाजपा के प्रति है। 22 मई 2022 को आपने संविधान और कानून की रक्षा करने, उन्हें मजबूत बनाए रखने और दिल्ली के लोगों के हित के लिए खुद को समर्पित करने की शपथ ली थी। हालांकि, आपके कार्य यह दिखाते हैं कि आपकी मुख्य प्राथमिकता भाजपा से मिले आदेशों का पालन करना है, न कि संविधान की रक्षा करना या दिल्ली के लोगों के हितों को प्राथमिकता देना है।
सीएम आतिशी ने कहा कि हम तथ्यों पर बात करते हैं। अरविंद केजरीवाल ने यह मुद्दा उठाया कि यमुना का पानी अत्यधिक जहरीले अमोनिया स्तर से भरा हुआ है। दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ का पत्र इस बात की पुष्टि भी करता है। जाहिर है कि आपके दबाव में एक अधिकारी को इस जहरीले पानी की आपूर्ति का बचाव करने की कोशिश करनी पड़ी है। आपकी चिट्ठी में यह भी स्वीकार किया गया है कि पानी में वर्तमान अमोनिया स्तर 7.2 पीपीएम है, जो कि निर्धारित सीमा से 700 फीसद अधिक है। आप और दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ दोनों ही अरविंद केजरीवाल द्वारा उठाए गए इस गंभीर मुद्दे की पुष्टि कर रहे हैं। इस महत्वपूर्ण समय पर आपके पास दो विकल्प थे, जनता के हित को प्राथमिकता देना या राजनीतिक हित को प्राथमिकता देना। दुर्भाग्यवश आपने दूसरा रास्ता चुना।
सीएम ने कहा है कि यह कोई रहस्य की बात नहीं है कि आपने हमेशा राजनीतिक मामलों में अपनी रुचियां बनाए रखी हैं, लेकिन इस गंभीर मामले में, जो जनता की सेहत और सुरक्षा से जुड़ा है, मैंने उम्मीद की थी कि आप राजनीति को एक तरफ रखेंगे। लेकिन आपने अपने राजनीतिक आकाओं के प्रति वफादारी निभाई, भले ही इससे दिल्लीवासियों की जान और सेहत पर असर पड़ा। अगर आपने अरविंद केजरीवाल पर हमले करने के बजाय पानी में अमोनिया के उच्च स्तर के खतरों की जांच करने में अपनी ऊर्जा लगाई होती, तो आपको पता होता कि इस तरह का प्रदूषण गंभीर स्वास्थ्य खतरा पैदा करता है। पानी में अमोनिया का उच्च स्तर शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचाता है और विकास संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। खासकर बच्चों और उन लोगों के लिए जिनकी पहले से स्वास्थ्य समस्याएं हैं।
सीएम आतिशी ने कहा है कि आपने अरविंद केजरीवाल के बयान को आपत्तिजनक, दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य कहा है। लेकिन जो वास्तव में आपत्तिजनक और अस्वीकार्य है, वह है इस पानी संकट के प्रति आपकी उपेक्षा। दिल्ली जल बोर्ड का नियंत्रण आपके पास होते हुए भी आपने इस समस्या को हल करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए और न ही जनता के स्वास्थ्य को बचाने के लिए कोई गंभीर प्रयास दिखाए। जो वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है, वह यह है कि आपने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को उन लोगों के हितों से अधिक प्राथमिकता दी, जिनकी सेवा का वादा आपने किया था।
सीएम आतिशी ने आगे कहा है कि आपको याद दिला दूं कि दिल्ली में पानी की गुणवत्ता का मुद्दा आम आदमी पार्टी सरकार, हमारे विधायक और उम्मीदवारों द्वारा बार-बार उठाया गया है। हर एक अपील- चाहे वह आपके कार्यालय को की गई हो या बीजेपी शासित हरियाणा सरकार को की गई हो, उसे जानबूझकर नजर अंदाज किया गया है। अरविंद केजरीवाल ने तब दखल किया, जब हमारी कई कोशिशों के बावजूद दिल्लीवासियों को साफ पेयजल दिलाने में कोई ध्यान नहीं दिया गया। यह कोई राजनीतिक चाल नहीं है, यह दिल्लीवासियों के पीने के साफ पानी मुहैया कराने मौलिक अधिकार के लिए लड़ाई है। एक ऐसी लड़ाई, जिसे आपकी सरकार ने सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ के कारण छोड़ दिया है।
सीएम आतिशी ने कहा है कि आपने हम पर उत्तेजक बयान देने का आरोप लगाया है, लेकिन मैं आपसे एक सवाल पूछती हूं कि क्या यह उत्तेजक नहीं है कि जानबूझकर जहरीला पानी दिल्लीवालों के घरों में दिया जाए? क्या यह जिम्मेदारी से नहीं भागना है कि लाखों लोगों की वास्तविक चिंताओं को नजर अंदाज करते हुए भाजपा-शासित हरियाणा सरकार का बचाव किया जाए? आपकी प्राथमिकताएं साफ़ हैं, आप दिल्ली के लोगों की जान की सुरक्षा के बजाय भाजपा की छवि को बचाने को अधिक महत्व देते हैं। आपके पत्र में संकट की गंभीरता को हल्का दिखाने की कोशिश की गई है, जिसमें दिल्ली जल बोर्ड की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है, जो सचाई को छिपाने का काम करती है। मैं साफ़ तौर पर कहना चाहती हूँ कि सच को प्रशासनिक बहानों के नीचे दबाया नहीं जा सकता। यमुना में अमोनिया का स्तर समान्य से 700 फीसद से ज्यादा है। यह एक ऐसा तथ्य है जिसे आप नकार नहीं सकते, चाहे आप कितनी भी रिपोर्ट्स क्यों न बदलें। जो आप गलत का बचाव कर रहे हैं, आप दरअसल उन लोगों के साथ धोखा कर रहे हैं, जिनकी सेवा के लिए आप जिम्मेदार हैं।
सीएम आतिशी ने कहा है कि आप की हरियाणा सरकार का लगातार बचाव और दिल्ली के पानी की आपूर्ति में प्रदूषण के खिलाफ आपकी निष्क्रियता एक अहम सवाल उठाती है कि आपकी निष्ठा कहां है? दिल्ली के लोगों के साथ या हरियाणा में आपकी पार्टी की सरकार के साथ है? अगर आपको वाकई दिल्ली के निवासियों की फिक्र होती, तो आप तुरंत कदम उठाते। आप हरियाणा को जिम्मेदार ठहराते और इस संकट को रोकने की कोशिश करते। इसके बजाय, आपने सच बोलने वालों पर हमला करना शुरू कर दिया।
सीएम ने कहा है कि मैं बिल्कुल स्पष्ट शब्दों में कह रही हूँ कि हम हमेशा, और हमेशा, दिल्लीवासियों के साथ खड़े रहेंगे। हम उनके स्वच्छ और सुरक्षित पीने के पानी के अधिकार के लिए लड़ते रहेंगे, चाहे यह आपके राजनीतिक एजेंडे से मेल खाता हो या नहीं। दिल्ली के लोगों की आवाज़ को दबाने और जिम्मेदारी से भागने की आपकी बार-बार कोशिशें सफल नहीं होंगी। आप राजनीतिक खेल खेलते रह सकते हैं और खाली बयान जारी कर सकते हैं, लेकिन दिल्ली के लोग सब देख रहे हैं। उन्हें ऐसे नेता चाहिए जो पार्टी राजनीति से ऊपर उठकर उनके हितों को प्राथमिकता दें। उन्हें काम चाहिए, बहाने नहीं। अगर आप अपने कर्तव्यों को निभाने में असमर्थ हैं, तो अपने पद से हट जाइए और उन लोगों को मौका दीजिए जो दिल्लीवासियों के हित में काम करने को तैयार हैं।
सीएम ने कहा है कि यह संकट राजनीति के बारे में नहीं है; यह लाखों लोगों की जानों के बारे में है। यह एक ऐसा मौका है, जब आप प्रशासनिक भूमिका निभा सकते हैं या दिल्ली के इतिहास में एक ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किए जाएंगे, जिनके हाथ खून से रंगे होंगे। आखिरी बार जब दिल्ली पर इतना कहर टूटा था, वह 1739 में नादिर शाह के आक्रमण के समय हुआ था, जब उसने दिल्ली में एक भयंकर नरसंहार किया था और दिल्ली को तबाह कर दिया था। अब समय आ गया है कि आप अपनी पार्टी के एजेंडे से ऊपर उठकर पानी के संकट को हल करने के लिए ठोस कदम उठाएं। अखिरकार, आपको अपने राजनीतिक आकाओं के कहने पर नहीं, बल्कि अपनी अंतरात्मा और संविधान के अनुसार रास्ता अपनाना चाहिए।