The News Air – सिखों का सिख गुरुओं की भूमि से गहरा भावनात्मक लगाव है – दोनों चडदा (जहां सूरज उगता है) या पूर्वी पंजाब और साथ ही लेहंदा (जहां सूरज डूबता है) या पश्चिमी पंजाब. 1947 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन ने पंजाब को दो भागों में विभाजित कर दिया
पंजाब (पाकिस्तान): पंजाब पाकिस्तान का एक प्रान्त है। इसमें ३६ जनपद हैं। पंजाब आबादी के अनुपात से पाकिस्तान का सब से बड़ा राज्य है। पंजाब में रहने वाले लोग पंजाबी कहलाते हैं। पंजाब की दक्षिण की ओर सिन्ध, पश्चिम की ओर ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा और बलोचिस्तान, उत्तर की ओर कश्मीर और इस्लामाबाद और पूर्व में भारतीय पंजाब और राजस्थान से मिलता है। पंजाब में बोली जाने वाली भाषा भी पंजाबी कहलाती है। पंजाबी के अलावा वहाँ उर्दू और सराइकी भी बोली जाती है। पंजाब की (राजधानी) लाहौर है। पंजाब फ़ारसी भाषा के दो शब्दों – ‘पंज’ यानि ‘पाँच’ (५) और ‘आब’ यानि ‘पानी’ से मिल कर बना है। इन पाँच दरियाओं के नाम हैं:
1.रावी 2. झेलम 3. सिन्धु 4. सतलुज 5. चिनाब : पंजाब के दो भाग हैं: एक पूर्वी भाग जो कि भारत में है और एक पश्चिमी भाग जो पाकिस्तान में है। पंजाब पाकिस्तान का सब से बड़ा प्रान्त है, जबकि पाकिस्तान के ४८% लोग पंजाबी भाषा समझते और बोलते भी हैं।
त्यौहार: ईद उल-फ़ितर , ईद-उल-अज़हा, शब-ए-बारात और ईद मीलाद ए नबी पंजाब के अलावा पूरे पाकिस्तान में विशेष त्यौहार हैं और पूरे हर्षोल्लास से मनाये जाते हैं। इन त्यौहारों के अलावा पूरा रमज़ान का महीना भी विशेष महत्व रखता है। किन्तु बसन्त एक ऐसा त्यौहार है जो पंजाब से सम्बन्धित है। जिसमें लोग पतंग उड़ा कर और पंजाब के विशेष व्यंजन बना कर और उनका सेवन कर इस त्यौहार को मनाते हैं।
मौसम: फरवरी से पहले पंजाब में बहुत सर्दी होती है और फिर इस महीने से मौसम में परिवर्तन आना प्रारम्भ हो जाता है और मौसम अच्छा होने लगता है। फरवरी से अप्रैल तक बहार का मौसम रहता है और फिर गर्मी प्रारम्भ होने लगती है। गर्मी का मौसम मई से आरम्भ होता है तो अक्टूबर के अन्त तक रहता है। जून और जुलाई सब से अधिक गर्म महीने हैं। सरकारी जानकारी के अनुसार पंजाब में तापमान 46°C तक दर्जा हुआ है मगर समाचार पत्रों की जानकारी के अनुसार पंजाब में तापमान 51°C तक दर्ज हुआ है। सब से अधिक गर्मी का रिकार्ड मुलतान में जून के महीने में दर्ज किया गया था। अगस्त में गर्मी थोड़ी कम हो जाती है और फिर अक्टूबर के बाद पंजाब में सर्दी का मौसम प्रारम्भ हो जाता है।
पंजाब (पंजाबी) : उत्तर-पश्चिम भारत का एक राज्य है जो वृहद्तर पंजाब क्षेत्र का एक भाग है। इसका दूसरा भाग पाकिस्तान में है। पंजाब क्षेत्र के अन्य भाग (भारत के) हरियाणा और हिमाचल प्रदेश राज्यों में हैं। इसके पश्चिम में पाकिस्तानी पंजाब, उत्तर में जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व में हरियाणा, दक्षिण-पूर्व में केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और दक्षिण-पश्चिम में राजस्थान राज्य हैं। राज्य की कुल जनसंख्या 2,77,43,336 है और कुल क्षेत्रफल 50,362 वर्ग किलोमीटर है। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है पंजाब के प्रमुख नगरों में अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, पटियाला और बठिंडा हैं।
1947 भारत का विभाजन के उपरान्त बर्तानवी भारत के पंजाब प्रान्त को भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजन दिया गया था। फिर पाकिस्तान वाले भाग में बहाावलपुर राज्य जोड़़ा गया और भारतीय पंजाब में पेप्सू राज्यों को, जिससे एक भारतीय पंजाब विशाल क्षेत्र बना। 1966 में भारतीय पंजाब का विभाजन फिर से हो गया और परिणाम के रूप में हरियाणा और विशाल हिमाचल प्रदेश जन्में और पंजाब का वर्तमान राज बना। यह भारत का अकेला प्रान्त है जहाँ सिख बहुमत में हैं।
युनानी लोग पंजाब के आस पास क्षेत्र को पैंटापोटाम्या नाम के साथ जानते थे जो कि पाँच इकट्ठा होते नदियोँ का अंदरूनी डेल्टा है। पारसियों के पवित्र ग्रंथ अवैस्टा में उत्तर पश्चिम भारत क्षेत्र को पुरातन हपता हेंदू व सप्त-सिंधु (सात नदियोँ की धरती) के साथ जोड़ा जाता है। पर पंजाब नामकरण अकबर के शासनकाल में हुआ और इसमें सतलुज से दक्षिण कोई भी भाग पंजाब में सम्मिलित नहीं था। बर्तानवी लोग इस को “हमारा प्रशिया” कह कर बुलाते थे। ऐतिहासिक रूप से पंजाब युनानियों, मध्य एशियाईओं, अफ़ग़ानियों और ईरानियों के लिए भारतीय उपमहाद्वीप का प्रवेश-द्वार रहा है।
कृषि पंजाब का सब से बड़ा उद्योग है। यहाँ के प्रमुख उद्योग हैं: वैज्ञानिक साज़ों सामान, कृषि, खेल और बिजली सम्बन्धित माल, सिलाई मशीनें, मशीन यंत्रों, स्टार्च, साइकिलों, खादों आदि का निर्माण, वित्तीय आजीविका, सैर-सपाटा और देवदार के तेल और खंड का उत्पादन। पंजाब में भारत में से सब से अधिक इस्पात के लुढ़का हुआ मीलों के उद्योग-स्थल हैं जो कि फ़तहगढ़ साहब की इस्पात नगरी मंडी गोबिन्दगढ़ में हैं। इस पवित्र धरती नै महाराजा रणजीत सिंह अकाली फूला सिंह और सरदार हरि सिंह नलवा जैसे योद्धाओं जन्म दिया और पंजाब के लोगों ने हिंदुस्तान को आजाद कराने के लिए 80% जाने दी
पंजाब अखण्ड भारत का हिस्सा रहा है। यहां मौर्य, बैक्ट्रियन, यूनानी, शक, कुषाण, गुप्त जैसी अनेक शक्तियों का उत्थान और पतन हुआ। मध्यकाल में पंजाब मुसलमानों के अधीन रहा। सबसे पहले गज़नवी, ग़ोरी, गुलाम वंश, खिलजी वंश, तुग़लक़, लोधी और मुगल वंशो का पंजाब पर अधिकार रहा। पंद्रहवीं और सोलहवीं शताब्दी में पंजाब के इतिहास ने नया मोड़ लिया। गुरु नानक देव की शिक्षाओं से यहां भक्ति आंदोलन ने ज़ोर पकड़ा। सिख पंथ ने एक धार्मिक और सामाजिक आंदोलन को जन्म दिया, जिसका मुख्य उद्देश्य धर्म और समाज में फैली कुरीतियों को दूर करना था। दसवें गुरु गोबिंद सिंह ने सिखों को खालसा पंथ के रूप में संगठित किया तथा एकजुट किया। उन्होंने देशभक्ति, धर्मनिरपेक्षता और मानवीय मूल्यों पर आधारित पंजाबी राज की स्थापना की। एक फारसी लेख के शब्दों में महाराजा रणजीत सिंह ने पंजाब को सिख साम्राज्य में बदल दिया। किंतु उनके देहांत के बाद अंदरूनी साजिशों और अंग्रेजों की चालों के कारण पूरा साम्राज्य छिन्न-भिन्न हो गया। अंग्रेजों और सिखों के बीच दो निष्फल युद्धों के बाद 1849 में पंजाब ब्रिटिश शासन के अधीन हो गया।
स्वतंत्रता आंदोलन में गांधीजी के आगमन से बहुत पहले ही पंजाब में ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष आरंभ हो चुका था। अंग्रेजों के खिलाफ यह संघर्ष सुधारवादी आंदोलनों के रूप में प्रकट हो रहा था। सबसे पहले आत्म अनुशासन और स्वशासन में विश्वास करने वाले नामधारी संप्रदाय ने संघर्ष का बिगुल बजाया। बाद में लाला लाजपतराय ने स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाई। चाहे देश में हो या विदेश में, पंजाब स्वतंत्रता संग्राम में हर मोर्चे पर आगे रहा। देश की आज़ादी के बाद पंजाब को विभाजन की विभीषिका का सामना करना पड़ा जिसमें बड़े पैमाने पर रक्तपात तथा विस्थापन हुआ। विस्थापित लोगों के पुनर्वास के साथ-साथ राज्य को नए सिरे से संगठित करने की भी चुनौती थी।
पूर्वी पंजाब की आठ रियासतों को मिलाकर नए राज्य ‘पेप्सू’ तथा पूर्वी पंजाब राज्य सघ-पटियाला का निर्माण किया गया। पटियाला को इसकी राजधानी बनाया गया। सन 1956 में पेप्सू को पंजाब में मिला दिया गया। बाद में पंजाबी सूबा आंदोलन के कारण 1966 में पंजाब से कुछ हिस्से निकालकर हरियाणा बनाया गया।
पंजाब देश के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है। इसके पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर में जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में हरियाणा तथा राजस्थान है।
सिख धर्म पंजाब का मुख्य धर्म है। राज्य के लगभग 60 प्रतिशत नागरिक सिख धर्म के अनुयायी हैं। पंजाब भारत के उन छ: राज्यों में से है जहां हिन्दुओं का बहुमत नहीं है। सिखों का प्रमुख धार्मिक स्थल, हरमन्दिर साहिब, पंजाब के अमृतसर नगर में है, जोकि सिक्खों का पवित्रतम नगर है। अमृतसर जैन धर्म के अनुयायियों के लिए भी विशेष महत्त्व रखता है।
अंतरराष्ट्रीय सीमा के दोनों ओर के पंजाबों की भाषा पंजाबी है, परंतु लिपि भिन्न है। भारतीय पंजाब में जहां गुरुमुखी का प्रयोग होता है वहीं पाकिस्तानी पंजाब में शाहमुखी लिपि का प्रयोग होता है। भारतीय पंजाब की लगभग 9 % जनता हिन्दी बोलती है, विशेष तौर पर हरियाणा और राजस्थान से सटे इलाकों में। हिन्दी को लगभग पूरी जनसंख्या द्वारा समझा जाता है जबकि शहरों में रहने वाले लोक हिंदी और अन्य भाषाएं भी बोलते हैं।
पंजाब के दूसरे राज्यों से सठे इलाकों में पंजाबी से मिलती जुलती कुछ भाषाएं भी बोली जाती है, जैसे के पठानकोट में डोगरी और फाजिल्का में बागड़ी। कई लोक इनको पंजाबी की बोलियाँ मानते हैं, तो कई लोग इन्हे हिंदी की बोलियाँ और कई लोग इन्हे अपने आप में स्वतंत्र, अलग भाषाएंँ मानते है।
जिले : पंजाब राज्य 22 जिलों में बंटा हुआ है। ये जिले है: 23वां जिला- मलेरकोटला है। – अमृतसर जिला, भटिण्डा जिला, फिरोजपुर जिला, फरीदकोट जिला, फतेहगढ़ साहिब जिला, गुरदासपुर जिला, पठानकोट जिला, होशियारपुर जिला, जालंधर जिला, कपूरथला जिला, लुधियाना जिला, मानसा जिला, मोगा जिला, मुक्तसर जिला, शहीद भगतसिंहनगर जिला, पटियाला जिला, रूपनगर जिला, संगरूर जिला, तरन तारन साहिब जिला, बरनाला जिला, साहिबजादा अजीत सिंह नगर,
फाजिलका जिला
अर्थव्यवस्था: पंजाब का सन 2004 का अनुमानित कुल सकल घरेलू उत्पाद 27 अरब डॉलर है। यह एक विकसित राज्य है।
कृषि :पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है। यहां गेंहू की सबसे अधिक बिजाई की जाती है। अन्य मुख्य फसलों में चावल, कपास, गन्ना, बाजरा, मक्का, चना और फल शामिल हैं। प्रमुख उद्योगों में कपड़ा और आटा शामिल है।
पंजाब पृथ्वी का सर्वाधिक उपजाऊ क्षेत्र रहा है। यह गेहूं उत्पादन के लिए आदर्श क्षेत्र है। चावल, गन्ना, सब्जियों एंव फलों भी यहां अच्छा उत्पादन होता है। भारतीय पंजाब को भारत का “अन्न-भण्डार” कहा जाता है। यहां भारत के कुल गेहूं उत्पादन का 60% और चावल का 40% उत्पादन होता है। विश्व के परिदृश्य में इन फसलों का विश्व के कुल उत्पादन का 1/30 वां अथवा 3% का योगदान करता है।
भारतीय पंजाब का आधारभूत ढांचा पूरे भारत में सर्वाधिक बेहतर में से है। यहां के निवासी औसत के आधार पर भारत के सर्वाधिक धनी लोग हैं।