चंडीगढ़, 5 जुलाई (The News Air)
दिल्ली से 12 दिन पहले वापिस आने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) कांग्रेस समिति की ओर से मिली 18 सूत्री कार्य सूची को लागू कर पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में लगी आग बुझाने में लगे हुए हैं। समिति का गठन पंजाब कांग्रेस में चल रह कलह को सुलझाने के लिए किया गया था। 1 जुलाई से कैप्टन ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि को दोगुना कर 1500 रुपए करने का ऐलान कर दिया है, जिसका फ़ायदा 27 लाख लोगों को मिलेगा। इसके साथ ही 5.4 लाख सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी का फ़ैसला भी लागू कर दिया है। सरकारी कर्मचारियों को बढ़े हुए वेतन के साथ पिछले 5 साल का एरियर भी मिलेगा। हालांकि एरियर का भुगतान 2022 के चुनावों से पहले दो किश्तों में किया जाएगा। कैप्टन जल्द ही घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 300 यूनिट मुफ़्त बिजली की घोषणा भी कर देंगे।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को नई घोषणा करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की सरकार के दौरान हुए निजी बिजली ख़रीद (Private Power Purchase) समझौतों की समीक्षा की जा रही है और जल्द ही इसका काउंटर करने के लिए क़ानूनी विकल्पों की घोषणा कर दी जाएगी। 2017 के चुनावों के दौरान कांग्रेस पार्टी का यह मुख्य चुनावी वायदा था, परन्तु अब तक इस पर अमल नहीं हो पाया था और राज्य में महंगे बिजली बिल को लेकर लोगों में काफ़ी आक्रोश का माहौल है।
‘किसानों के लिए बिजली की निर्बाध आपूर्ति’- मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जल्द ही पंजाब के लोगों के लिए 300 यूनिट मुफ़्त बिजली देने का ऐलान कर सकते हैं। पिछले हफ़्ते आम आदमी पार्टी ने ऐसी ही घोषणा करते हुए कांग्रेस की घोषणा से पहले महफिल लूटने की कोशिश की। हालांकि सत्ताधारी पार्टी अपने वायदे को तुरंत लागू कर सकती है। धान की बिजाई के समय बिजली की कमी के चलते किसानों सहित आम लोगों की आलोचना का सामना कर रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह जल्द ही किसानों के लिए 8 घंटे निविर्घ्न बिजली आपूर्ति का ऐलान कर सकते हैं, इसके लिए बिजली की ख़रीद चल रही है।
बेअदबी और पुलिस फायरिंग केस- राज्य में एक और बड़ा मुद्दा है और यह 2017 के चुनाव में कांग्रेस का चुनावी वायदा था, 2015 का बेअदबी और पुलिस फायरिंग मामला, जिसे लेकर राज्य में आंदोलन भी जारी है। 21 से 23 जून के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन के दिल्ली दौरे के दौरान इस मामले को लेकर काफ़ी हलचल देखनी को मिली है। नई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने 23 जून को पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से पूछताछ की तो 26 जून को पूर्व गृहमंत्री सुखबीर सिंह बादल से पूछताछ हुई। सरकारी सूत्रों के अनुसार माना जा रहा है कि 2022 के चुनावों से काफ़ी पहले एसआईटी अपनी जांच को अंतिम स्वरूप दे देगी।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इस सप्ताह दिल्ली भी आ सकते हैं और पिछले दौरे के बाद से अपनी सरकार द्वारा उठाए गए क़दमों के बारे में कांग्रेस आलाकमान को अपडेट कर सकते हैं.
अन्य महत्वपूर्ण ऐलान- 2017 के चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन का एक बड़ा चुनावी वायदा पंजाब में ड्रग्स की समस्या से निपटना भी था। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पिछले सप्ताह इस बारे में राष्ट्रीय ड्रग नीति बनाने की मांग रखी थी, ताकि सीमा पार से ड्रग की तस्करी की समस्या से निपटा जा सके। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के चार पड़ोसी राज्यों पर ड्रग तस्करी से निपटने के लिए प्रभावी क़दम न उठाने को लेकर कड़ी आलोचना की। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाल के वर्षों में अपनी सरकार द्वारा ड्रग तस्करी रोकने के लिए उठाए गए क़दमों को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि ड्रग तस्करी के मामलों में 60 हज़ार से ज़्यादा गिरफ़्तारियाँ हुई हैं और 4200 करोड़ से ज़्यादा की हीरोइन ज़ब्त की गई है। साथ ही राज्य सरकार ड्रग्स की लत छुड़ाने के लिए कई कार्यक्रम भी चला रही है।
वोटरों को लुभाने वाले ऐलान- पंजाब के वोटरों को लुभाने के लिए वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं, निराश्रितों और विकलांग लाभार्थियों के मासिक पेंशन में 100 फ़ीसदी का इज़ाफा कर इसे 1500 रुपए प्रति महीना कर दिया गया। साथ ही आशीर्वाद योजनाओं के तहत दी जाने वाले राशि को भी 21 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 51 हज़ार रुपए कर दिया गया है। दिल्ली में 4 जून को कांग्रेस कमिटी के सदस्यों से कैप्टन की मुलाक़ात के बाद पंजाब कैबिनेट ने 18 जून को 6ठे वेतन आयोग की सिफ़ारिशों को लागू करने का ऐलान किया। इस तरह 1 जुलाई से पंजाब के 5.4 लाख सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में 6,950 रुपए से लेकर 18000 रुपये तक का इज़ाफा होगा। सरकारी कर्मचारियों को यह लाभ 1 जनवरी 2016 से मिलेगा।
पंजाब कैबिनेट ने 18 जून को ही राज्य में गैर क़ानूनी रेत खनन को रोकने के लिए कड़े नियम लागू करने को मंजूरी दी है। यह एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर विपक्ष कैप्टन अमरिंदर सरकार के ख़िलाफ़ लगातार मुखर है।
हालांकि पंजाब की विपक्षी पार्टियां जैसे अकाली दल और आम आदमी पार्टी कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार की घोषणा को न काफ़ी बता रही है और कह रही है कि यह फ़ैसले बड़ी देर से लिए गए हैं। विपक्षी पार्टियों ने सवाल उठाया कि पिछले साढ़े चार साल के शासन के दौरान कांग्रेस पार्टी ने इस मसलों पर कोई फ़ैसला क्यों नहीं लिया.
कांग्रेस के राज्य सभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन की निजी बिजली ख़रीद समझौतों की समीक्षा का फ़ैसला काफ़ी देर से लिया गया है, लेकिन यह एक बहुत ज़रूरी फ़ैसला है। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों को 300 यूनिट मुफ़्त बिजली जरुर दी जानी चाहिए।
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