Wrestling Federation of India (WFI) विवाद फिर से तूल पकड़ता जा रहा है। खेल मंत्रालय द्वारा कुश्ती महासंघ पर लगा प्रतिबंध हटाने के बाद, इस फैसले पर राजनीतिक घमासान छिड़ गया है। पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) ने इसे एक बड़ी जीत बताया, वहीं पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने इसे कुश्ती के लिए बड़ा झटका करार दिया।
विनेश फोगाट, जिन्होंने पहले बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था, अब हरियाणा विधानसभा से इस मुद्दे पर सरकार को घेर रही हैं। उन्होंने कहा, “हमने कुश्ती को बचाने के लिए दो साल तक संघर्ष किया, लेकिन अब सरकार ने खेल को फिर से उन्हीं लोगों के हवाले कर दिया, जिनके खिलाफ हम लड़े थे।”
कुश्ती महासंघ में बृजभूषण का ‘अघोषित’ दबदबा?
कुश्ती महासंघ के वर्तमान अध्यक्ष संजय सिंह (Sanjay Singh), बृजभूषण के करीबी माने जाते हैं। महासंघ पर पिछले दो सालों से बैन था, जिसे हाल ही में खेल मंत्रालय (Sports Ministry) ने हटा दिया। हालांकि, महासंघ के चुनाव में बृजभूषण और उनके परिवार के किसी भी सदस्य को हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसके बावजूद, उनके करीबी संजय सिंह को अध्यक्ष बना दिया गया, जिससे यह सवाल उठने लगे कि बृजभूषण की पकड़ अभी भी महासंघ पर बनी हुई है।
विनेश फोगाट ने इसे ‘डमी लीडरशिप’ करार दिया और कहा, “संजय सिंह तो सिर्फ नाम के अध्यक्ष हैं, असली सत्ता अब भी बृजभूषण के पास है।”
दो साल का संघर्ष बेकार? पहलवानों का आरोप
विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) और साक्षी मलिक (Sakshi Malik) ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद दिल्ली में महीनों तक धरना प्रदर्शन चला।
इस मामले में FIR दर्ज हुई और अदालत में ट्रायल भी जारी है। बावजूद इसके, बृजभूषण को परोक्ष रूप से महासंघ की कमान मिलने से पहलवान नाराज हैं।
विधानसभा में गरमाई बहस
हरियाणा विधानसभा में इस मुद्दे पर तीखी बहस देखने को मिली। संसदीय कार्य मंत्री महीपाल ढांडा (Mahipal Dhanda) ने कहा,
“हम आपका सम्मान खेल में किए गए योगदान के लिए करते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आप कुछ भी कह सकती हैं।”
इसके जवाब में विनेश फोगाट ने कहा, “हम किसी पार्टी के खिलाफ नहीं, बल्कि खेल में न्याय के लिए लड़े। लेकिन आज सरकार ने फिर से खेल को उन्हीं के हवाले कर दिया, जिससे इसे खतरा था।”
खेल मंत्रालय के फैसले पर सवाल
खेल मंत्रालय ने पहले 24 दिसंबर 2023 को कुश्ती महासंघ को गवर्नेंस इश्यू बताते हुए निलंबित कर दिया था। लेकिन अब इसे फिर से मान्यता मिलने से मंत्रालय के फैसले पर भी सवाल उठने लगे हैं।
पहलवानों का कहना है कि सरकार ने महासंघ को बृजभूषण के नियंत्रण से मुक्त करने का वादा किया था, लेकिन अब वही स्थिति लौट आई है।
क्या फिर से होगा विरोध?
विनेश फोगाट और उनके समर्थकों ने संकेत दिए हैं कि अगर स्थिति नहीं बदली तो वे फिर से विरोध प्रदर्शन का रास्ता अपना सकते हैं। इस बीच, बृजभूषण शरण सिंह ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ साजिश रची गई थी।
अब देखना होगा कि क्या पहलवान फिर से सड़कों पर उतरेंगे, या सरकार उनके आरोपों को गंभीरता से लेकर कोई ठोस कदम उठाएगी?