Odisha School Pregnancy : ओडिशा (Odisha) के मल्कानगिरी (Malkangiri) जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां चित्रकोंडा (Chitrakonda) इलाके में बने एक सरकारी आवासीय स्कूल में पढ़ने वाली 10वीं कक्षा की छात्रा ने हॉस्टल में ही एक बच्चे को जन्म दिया। यह स्कूल राज्य सरकार के अनुसूचित जाति (Scheduled Caste) और अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe) विभाग के तहत संचालित होता है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह घटना छात्रा की परीक्षा देने के कुछ घंटे बाद ही हुई। महीनों तक गर्भवती रहने के बावजूद छात्रा क्लास और परीक्षा में लगातार उपस्थित रही, लेकिन स्कूल प्रबंधन को इसकी भनक तक नहीं लगी।
पिता का सवाल – कैसे नहीं हुआ किसी को शक?
छात्रा के पिता का कहना है, “जब मैं स्कूल पहुंचा, तो मुझे बताया गया कि मेरी बेटी ने बच्चे को जन्म दिया है। वह हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही थी और लंबे समय से घर भी नहीं आई थी। हॉस्टल में नर्स नियमित रूप से छात्राओं का चेकअप करती है, तो आखिर किसी को यह कैसे पता नहीं चला?”
स्कूल प्रशासन और शिक्षकों ने इस लापरवाही का जिम्मेदार हॉस्टल की वार्डन को बताया है। फिलहाल, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषियों पर कार्रवाई की जा रही है।
पहले भी सामने आ चुकी हैं ऐसी घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब ओडिशा में किसी आदिवासी छात्रा के गर्भवती होने की घटना सामने आई हो। धेनकनाल (Dhenkanal) जिले के एक आश्रम स्कूल में 2019 में एक 13 साल की आदिवासी छात्रा 7 महीने की गर्भवती पाई गई थी। उस मामले में छात्रा ने स्कूल के हेडमास्टर कार्तिक गौर (Kartik Gaur) पर बलात्कार का आरोप लगाया था।
इस तरह की घटनाओं ने राज्य सरकार की चिंताओं को बढ़ा दिया है, खासकर आदिवासी क्षेत्रों में।
सरकार ने उठाए सख्त कदम
राज्य सरकार ने हॉस्टल में किशोरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके तहत 3000 महिला मेट्रन और 336 एएनएम (Auxiliary Nurse Midwife) तैनात की गई हैं। इन हॉस्टल्स में नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कराई जाती है।
इसके अलावा यह नियम भी लागू किया गया है कि बिना किसी महिला सहयोगी के कोई भी पुरुष हॉस्टल में प्रवेश नहीं कर सकता। हॉस्टल में बावर्ची, सुरक्षा गार्ड और सहायकों के रूप में भी केवल महिलाओं की नियुक्ति की जा रही है।
फिलहाल जांच जारी
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि अगर छात्रा कई महीनों से गर्भवती थी, तो स्कूल प्रबंधन और हॉस्टल की नर्स कैसे इस बात से अनजान रही? इस घटना ने राज्य के स्कूलों में छात्राओं की सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।