भारतीय मूल के अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) ने अभी फैसला नहीं किया है कि वह कब रिटायर होंगे। हालांकि वह इस बारे में पूरी तरह से पक्का है कि जिस वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) को उन्होंने सालों की मेहनत से खड़ा किया है, उसे आगे उनके परिवार के लोग नहीं चलाएंगे।
अनिल अग्रवाल ने कहा, “वेदांता एक संस्था की तरह चल रही है। मैं इसे अगले 500 सालों के लिए बना रहा हूं। यह भारत की एक चैंपियन कंपनी होनी चाहिए। इस कंपनी को मेरे परिवार के लोग नहीं चलाने वाले हैं। यह लोगों द्वारा, लोगों के लिए और देश के लिए चलाई जाएगी।”
68 वर्षीय अनिल अग्रवाल के एक बेटा और एक बेटी है। अनिल अग्रवाल इस समय क एक उत्तराधिकार योजना बना रहे हैं जो अरबों डॉलर के वैल्यूएशन वाली वेदांता ग्रुप के मालिकों और मैनेजमेंट को अलग कर देगी।
मनीकंट्रोल को दिए एक विशेष इंटरव्यू में अनिल अग्रवाल ने कहा, “मेरे बच्चे काफी प्रतिस्पर्धी और सक्षम हैं। उन्हें अपने बलबूते वेदांता जैसी एक और कंपनी खड़ा करना चाहिए। वेदांता (ग्रुप) को मैनेजमेंट चलाता है, और ग्रुप की सभी कंपनियों के पास इंडस्ट्री का सबसे अच्छा सीईओ होता है। वे कंपनी को अपने अंदाज में बहुत अच्छी तरीके से चला रहे हैं।”
अनिल अग्रवार खुद को “डिजाइनर” मानते हैं जो फंडामेंटल रणनीति को डिजाइन और विकसित करता है। उन्होंने कहा, ‘कंपनी के शेयरहोल्डर्स और मैनेजमेंट अलग-अलग होंगे। इन्हें मिलाया नहीं जा सकता। हम आंत्रप्रेन्योर्स हैं, हमने एक कंपनी की स्थापना की है। मैं अपना काम कर रहा हूं, आगे बढ़ रहा हूं और मैनेजमेंट कंपनी के रोजाना के काम को कर रहा है। हमारे पास सबसे अच्छी मैनेजमेंट टीम है, और हमें हमेशा बेस्ट इंटरनेशनल टैलेंट मिले हैं। कंपनी के मालिक और मैनेजमेंट अलग-अलग होने चाहिए।”
अग्रवाल ने कहा कि वेदांता ग्रुप की भारतीय शेयर बाजार में लिस्टेड ईकाई वेदांता लिमिटेड का लक्ष्य वित्त वर्ष 2023 में 30 अरब का रेवेन्यू और 10 अरब रुपये का मुनाफा दर्ज करने का है। वेदांता ग्रुप जहां इस समय अपने विस्तार में लगा है, वहीं अनिल अग्रवाल कंपनी के मैनेजमेंट को मजबूत बनाने में लगे हैं।
उन्होंने कहा, “मैं मैनेजमेंट को शीर्ष स्थान पर रखते हुए धीरे-धीरे पीछे हटता रहूंगा। धीरे-धीरे, सीईओ अधिक शक्तिशाली होंगे और कंपनी को अपने हिसाब से चलाएंगे और शेयरधारकों को खुश रखेंगे। हम देखेगें कि आगे क्या होगा। हमारा विश्वास है कि कंपनी आगे बढ़ेगी और यह पक्के तौर पर 50 अरब डॉलर का राजस्व हासिल कर सकती है।”