Bangladesh Political Crisis का एक नया मोड़ सामने आया है। बांग्लादेश (Bangladesh) में पिछले साल हुए छात्र आंदोलनों में अग्रणी भूमिका निभाने वाले नेता नाहिद इस्लाम (Nahid Islam) ने प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस (Mohammad Yunus) की अंतरिम सरकार से इस्तीफा दे दिया है। वह कैबिनेट में सूचना सलाहकार (Information Advisor) के पद पर नियुक्त थे।
ढाका ट्रिब्यून (Dhaka Tribune) की रिपोर्ट के अनुसार, नाहिद इस्लाम ने मंगलवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख को अपना इस्तीफा सौंप दिया। चर्चा है कि अब वह एक नई राजनीतिक पार्टी का गठन करने जा रहे हैं।
यूनुस सरकार से नाराज़गी की वजह?
बताया जा रहा है कि नाहिद इस्लाम यूनुस सरकार के कामकाज से नाखुश थे। पिछले साल, उन्होंने शेख हसीना (Sheikh Hasina) की नीतियों के खिलाफ छात्र आंदोलन की अगुवाई की थी। इस्तीफे के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कैबिनेट और सभी समितियों से इस्तीफा दे दिया है।
यह भी संभावना जताई जा रही है कि आगामी शुक्रवार को नाहिद इस्लाम एक नई राजनीतिक पार्टी के संयोजक (Convener) की भूमिका निभाएंगे। यह पार्टी भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन (Anti-Discrimination Student Movement) और राष्ट्रीय नागरिक समिति (National Civil Committee) की पहल पर बनाई जा रही है।
नई पार्टी के गठन की चर्चा तेज
नाहिद इस्लाम ने हाल ही में मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की थी, जिसके बाद उनके इस्तीफे की अटकलें तेज हो गई थीं। जब वे यूनुस के आवास पर पहुंचे, तो उनकी कार पर सरकारी झंडा लगा हुआ था, लेकिन बैठक के बाद झंडा हटा लिया गया था।
इस घटनाक्रम से यह संकेत मिलता है कि बांग्लादेश में जल्दी ही चुनाव हो सकते हैं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बहाली का रास्ता खुल सकता है।
शेख हसीना के खिलाफ बढ़ रहा दबाव
कैबिनेट से नाहिद इस्लाम का इस्तीफा और नई पार्टी का गठन यह दर्शाता है कि छात्र आंदोलन से जुड़े नेता अब मोहम्मद यूनुस सरकार पर दबाव बना रहे हैं। हालांकि, यूनुस पहले ही यह कह चुके हैं कि बांग्लादेश में 2025 के अंत तक चुनाव हो सकते हैं।
यूनुस की आलोचना क्यों हो रही है?
मोहम्मद यूनुस को एक अनिर्वाचित और अलोकप्रिय नेता माना जाता है। उनके कार्यकाल में हिंदू (Hindu) और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों में वृद्धि हुई है। इसके अलावा, उन्होंने इस्लामवादी गुटों को भी छूट दे रखी है, जिसके कारण उनकी आलोचना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हो रही है।
नाहिद इस्लाम का इस्तीफा और नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकती है। यह स्पष्ट संकेत है कि देश में लोकतांत्रिक आंदोलन फिर से जोर पकड़ रहा है, और शेख हसीना के खिलाफ राजनीतिक दबाव लगातार बढ़ रहा है।