नई दिल्ली, 1 मई (The News Air) जौनपुर के बाहुबली और पूर्व सांसद धनंजय सिंह की बुधवार (1 मई) को रिहाई हो गई है। पूर्व सासंद धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी थी, लेकिन बाहुबली की जेल से रिहाई में लगातार देरी हो रही थी।
धनंजय सिंह के रिहा होने की खबर से समर्थक बरेली जेल के बाहर जुट गए थे। सैकड़ों समर्थकों के साथ वह जौनपुर के लिए रवाना हो गए।
बता दें कि, धनंजय सिंह की जगह उनकी पत्नी श्रीकला रेड्डी बसपा के टिकट पर जौनपुर सीट से मैदान में हैं। धनंजय के चुनाव लड़ने की संभावना अब न के बराबर है। अगर 6 मई यानी नामांकन की आखिरी तारीख से पहले उनकी सजा पर रोक लगती है तब ही वह चुनाव लड़ सकेंगे।
क्या बोले धनंजय सिंह?
धनंजय सिंह को साल 2020 के अपहरण और जबरन वसूली मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की तरफ से जमानत दिए जाने के बाद बरेली जेल से रिहा किया गया है। जेल से निकलते ही उन्होंने कहा कि 2020 में उनके खिलाफ फर्जी मामला दर्ज किया गया था। वह अब सीधे जौनपुर जांएगे। अपनी पत्नी के चुनाव लड़ने को लेकर उन्होंने कहा कि पत्नी को मेरी शुभकामनाएं हैं कि वह चुनाव लड़े और जीतें।
क्यों चुनाव नहीं लड़ पाएंगे धनंजय?
दरअसल, धनंजय सिंह की सजा पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अभी रोक नहीं लगाई है। उन्हें केवल अभी जमानत मिली है। ऐसे में वह नामांकन पर्चा नहीं भर सकते हैं। वहीं, नामांकन की तारीख 6 मई तक है। जब तक कोर्ट उनकी सजा पर रोक नहीं लगा देता है वह चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।