चंडीगढ़, 20 अगस्त (The News Air)
पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी की ज़मानत के बाद पंजाब विजिलेंस ब्यूरो (Punjab VB) ने वर्ल्डवाइड इमिग्रेशन कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (WWICS) एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दविंदर संधू को गिरफ़्तार किया है. संधू को भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी का सह-आरोपी बनाया गया है. विजिलेंस ब्यूरो (VB) का कहना है कि उन्होंने 17 सितंबर 2020 को भ्रष्टाचार के एक मामले में दर्ज़ प्राथमिकी के संबंध में सैनी को गिरफ़्तार किया था, जिन्हें अब हाईकोर्ट से ज़मानत मिल चुकी है. पीडब्ल्यूडी के कार्यकारी अभियन्ता निम्रतदीप सिंह ने कथित तौर पर सितंबर 2017 में सेक्टर 20-डी, चंडीगढ़ में WWICS के निदेशक दविंदर संधू द्वारा दी गई 6 करोड़ रुपये की रिश्वत के साथ एक घर का पुनर्निर्माण किया था. पूछताछ करने पर निम्रतदीप ने कहा कि सैनी 15 अक्टूबर 2018 से वहां किराएदार के रूप में रह रहे थे और किराए के रूप में प्रति माह 2.5 लाख रुपये का भुगतान कर रहे थे.
वीबी का कहना है कि सैनी ने अगस्त 2018 से अगस्त 2020 तक निम्रतदीप और उनके पिता सुरिंदरजीत को 6.4 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे, जो कि रेंट डीड के अनुसार नहीं थे. सैनी को गिरफ़्तार करने के एक दिन बाद VB ने अपने पहले आधिकारिक बयान में कहा कि उन्होंने 17 सितंबर 2020 को धारा 409, 420, 465, 467, 468, 471 और 120-बी के तहत दर्ज़ प्राथमिकी के संबंध में सैनी को गिरफ़्तार किया था. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के आईपीसी और 7(ए)(बी)(सी) और 7-ए, 13(1) आर/डब्ल्यू 13(2) की धाराएं भी लगाई गई थीं. सैनी को इस साल 2 अगस्त को आरोपी के रूप में नामित किया गया था.
VB ने कहा कि वर्ल्डवाइड इमिग्रेशन कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (WWICS) एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक ने डिप्टी डायरेक्टर अशोक सिक्का पीसीएस सेवानिवृत्त, सीनियर टाउन प्लानर सागर भाटिया (सेवानिवृत्त), और अन्य अधिकारियों के साथ मिलीभगत की और अवैध रूप से एक कृषि भूमि को आवासीय कॉलोनियों में परिवर्तित कर दिया. इनमें मोहाली के कुराली में ग्रीन मीडोज-1 और मीडोज-2 शामिल है. मामले में धोखे से वास्तविक तथ्यों को छिपाकर और 2013 से संबंधित फ़र्ज़ी दस्तावेज़ दिखाए गए थे.
जांच के दौरान यह पाया गया कि संधू पीडब्ल्यूडी के कार्यकारी अभियन्ता निम्रतदीप सिंह को जानता था. निम्रतदीप को कथित तौर पर कॉलोनियों को प्रमाणित कराने के लिए संधू से 6 करोड़ रुपये रिश्वत के तौर पर मिले. इसके बाद निम्रतदीप, उनके पिता सुरिंदरजीत सिंह जसपाल और उनके सहयोगियों तरणजीत सिंह अनेजा और मोहित पुरी को भी भूमि उपयोग परिवर्तन मामले में आरोपी के रूप में नामित किया गया था.
VB ने कहा कि जांच के दौरान पता चला कि निम्रतदीप ने चंडीगढ़ के सेक्टर 20-डी में दो कनाल का एक मकान (नंबर 3048) ख़रीदा था और उसी 6 करोड़ रुपये की रिश्वत के पैसे से सितंबर 2017 में इसे फिर से बनाया था. पूछताछ करने पर उसने खुलासा किया कि पूर्व डीजीपी 15 अक्टूबर, 2018 से घर की पहली मंज़िल पर किराएदार के रूप में रह रहे थे और प्रति माह 2.50 लाख रुपये का किराया दे रहे थे.
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