कश्मीर, 5 अगस्त (The News Air)
भारत 15 अगस्त 1947 में आज़ाद हुआ था। लेकिन कश्मीर 5 अगस्त 2019 में आज़ाद हुआ। जन्नत के पैरों से ज़ंजीर 5 अगस्त को टूटी थी। यह बोल कश्मीर में रहने वाली जनता का है। वहाँ के लोगों का कहना है कि धारा 370 और 35ए ख़त्म होने के बाद घाटी असल में आज़ाद हुई है।
बता दें कि धारा 370 को ख़त्म हुए दो साल होने वाले हैं। 5 अगस्त को दूसरी सालगिरह है। इस मौक़े पर जम्मू की जनता ने तिरंगा रैली निकाली थी। रैली में युवा से लेकर बुढ़े शामिल हुए। तिरंगा मैराथन में सभी का जोश हाई दिखा।
तिरंगा रैली में शामिल हुए एक व्यक्ति का कहना है कि, आज का दिन ऐतिहासिक दिन है। जम्मू कश्मीर 5 अगस्त 2019 में आज़ाद हुआ था। जम्मू कश्मीर के पैरों से ग़ुलामी की ज़ंजीर 5 अगस्त को टूटी थी।
वहीं एक यंग महिला का कहना है कि, धारा 370 हटने के बाद देश में जो बदलाव आया है यह उसी की ख़ुशी है कि हम पूरे 2 साल बाद इसे सेलिब्रेट कर रहे हैं। धारा 370 हटने के बाद युवाओं को इसका काफ़ी फ़ायदा हुआ है। नारी शक्ति को बल मिला है।
ख़ुशी के इस मौक़े पर एक और सज्जन कहते हैं, धारा 370 हटने के बाद यहां पर 108 से अधिक क़ानून लागू हुए हैं। सभी को समान अधिकार मिला है। सभी के न्याय का ख्याल रखा जा रहा है। विकास हो रहा है। इस ख़ुशी के मौक़े पर तिरंगा झंड़ा लगाकर हम अपने बलिदानियों को याद कर रहे हैं।
भारतीय संविधान का धारा 370 एक ऐसा अनुच्छेद था जो जम्मू और कश्मीर को स्वायत्ता मुहैया करता था। संविधान के 21वें हिस्से में धारा के बारे में परिचयात्मक बात कही गयी थी।
अस्थायी, संक्रमण कॉलिन और विशेष प्रावधान जम्मू और कश्मीर की संविधान सभा को, इसकी स्थापना के बाद, भारतीय संविधान के उन लेखों की सिफ़ारिश करने का अधिकार दिया गया था जिन्हें राज्य में लागू किया जाना चाहिए या अनुच्छेद 370 को पूरी तरह से निरस्त करना चाहिए।
बाद में जम्मू-कश्मीर संविधान सभा ने राज्य के संविधान को बनाया और धारा 370 को ख़त्म करने की सिफ़ारिश किए बिना ख़ुद को भंग कर दिया, इस लेख को भारतीय संविधान की एक स्थायी विशेषता माना गया।
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