LIC IPO : एलआईसी के आईपीओ में स्थानीय और विदेशी निवेशकों की खासी दिलचस्पी दिख रही है। अभी तक कम से कम 12 टॉप फंड मैनेजर्स एंकर इनवेस्टर्स के रूप में 18,000 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जाहिर कर चुके हैं।
लाइवमिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कम से कम पांच भारतीय एसेट मैनेजर्स, तीन सॉवरेन फंड, दो वैश्विक फंड मैनेजर्स और दो हेज फंड्स ने LIC के IPO में एंकर इनवेस्टर्स के रूप में आने पर सहमति दी है।
सरकार को मिल सकती है बड़ी राहत
दिग्गज वैश्विक निवेशकों की तरफ से मिली प्रतिबद्धता सरकार के लिए बड़ी राहत की बात है, जो जिओपॉलिटिकल टेंशन (geopolitical tensions), ब्याज दरों में बढ़ोतरी और बाजार में जारी उतार-चढ़ाव के बीच भारत का सबसे बड़ा IPO लॉन्च करने जा रही है। इससे LIC के शेयर खरीदने को लेकर खुदरा निवेशकों का भरोसा भी बढ़ेगा। इससे सरकार के लिए भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी में हिस्सेदारी बेचकर पर्याप्त पैसा जुटाने में सहायता मिलेगी।
एंकर इनवेस्टर्स (Anchor investors) ऐसे संस्थागत निवेशक होते हैं जो एक IPO के सब्सक्रिप्शन के लिए खुलने से पहले एक निर्धारित मूल्य पर कम से कम 10 करोड़ रुपये के शेयर खरीदने को राजी होते हैं।
अब शुरू होगी मूल्य तय करने की प्रक्रिया
सूत्रों ने बताया कि बुधवार को एलआईसी के IPO के इनवेस्टमेंट बैंकरों की संभावित एंकर इनवेस्टर्स के साथ एक मीटिंग हुई, जिसमें उनके द्वारा किए जाने वाले निवेश पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा, “दिलचस्पी दिखाने वाले इनवेस्टर्स की एक लिस्ट गुरुवार को सरकार को सौंप दी जाएगी। इसके बाद, मूल्य तय करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।” उन्होंने बताया कि घरेलू म्यूचुअल फंड्स ग्रोथ केंद्रित म्यूचुअल फंड स्कीम्स के जरिए एंकर इनवेस्टर्स के रूप में 7,000-8,000 करोड़ रुपये निवेश कर सकते हैं।
आम तौर पर, ऐसी एमएफ स्कीम्स अपने शेयरधारकों को फायदा पहुंचाने के लिए एलआईसी जैसी सरकारी कंपनियों में नियमित रूप से निवेश करती हैं, जिससे एमएफ यूनिट होल्डर्स को अपने निवेश पर ग्रोथ मिलती है।
इन म्यूचुअल फंड्स ने दिखाई दिलचस्पी
सूत्रों ने बताया कि एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट कंपनी, एसबीआई म्यूचुअल फंड, फ्रैंकलिन टेंपलटन एसेट मैनेजमेंट कंपनी और निप्पोन लाइफ एसेट मैनेजमेंट जैसे देश के शीर्ष फंड हाउस ने एंकर इनवेस्टर्स के रूप में आने में दिलचस्पी जाहिर की है।