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उन्होंने आगे कहा कि, मेरे पास कल रात पूरी सूचना आ गई थी। मैं पूरी रात नहीं सो पाया था। मैं हर 15-30 मिनट में जानकारी लेता रह रहा था क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि कोई क़ानून-व्यवस्था की स्थिति बन जाए।
पिता तरसेम सिंह को है फक्र
इधर अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने अमृतसर में कहा कि, हमें टीवी के माध्यम से पता चला की अमृतपाल ने खुद को पेश किया। अगर सरेंडर करने की बात होती तो वह इधर भी किया जा सकता था लेकिन जो ड्रामा होना था वह हो गया। हमें मान महसूस हो रहा है कि उसने सिख रूप में सरेंडर किया। हम केस लड़ेंगे क्योंकि वह कौम के लिए काम कर रहा था। वह नशे के ख़िलाफ़ काम कर रहा था, लोगों को बचाने का काम कर रहा था। जो नौजवानों को बचा रहा था सरकार उसको बदनाम कर रही है। सरकार नशा खत्म करने वाले को खत्म कर रही है।
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बात करें असम के डिब्रूगढ़ जेल की अमृतपाल की गिरफ्तारी के साथ ही असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल और उसके आसपास असम पुलिस कमांडो की तैनाती सहित सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा इंतजाम इतने चाक चौबंद हैं कि यहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता। अमृतपाल ही नहीं बल्कि यहां उल्फा आइ्र के कई उग्रवादी पहले से ही यहां बंद हैं।