अमित शाह बताएं, दिल्लीवालों को सुरक्षा देने के लिए क्या कदम उठाए?- केजरीवाल

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Arvind Kejriwal

नई दिल्ली, 9 दिसंबर (The News Air) सोमवार को दिल्ली में 40 स्कूलों को बम से उड़ाने की मिली धमकी के बाद आम आदमी पार्टी ने एक बार दिल्ली की बदहाल कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा पर तीखा हमला किया। “आप” के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा की बदतर कानून व्यवस्था में अब महिलाओं के साथ बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं।सोमवार को जीडी गोयनका, डीपीएस आरके पुरम समेत दिल्ली के 40 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। अमित शाह को बताना चाहिए कि उन्होंने दिल्लीवालों को सुरक्षा देने के लिए क्या कदम उठाया है? दिल्ली के लोग दहशत में हैं, लेकिन भाजपा नेता कहते हैं कि बिगड़ी कानून व्यवस्था कोई मुद्दा नहीं है। अगर वो ऐसा मानते हैं तो दिल्ली की जनता को सुरक्षा कैसे देंगे? अमित शाह दिल्ली की जनता को बताएं कि बम से इतनी जगहों को उड़ाने की धमकी देने वालों में से क्या उन्होंने किसी एक को भी पकड़ा?

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था बहुत ज्यादा खराब होती जा रही है। विश्वास नगर में शनिवार को भरी सड़क पर एक बर्तन के व्यापारी को गोलियों से भून दिया गया। गोविंदपुरी में चाकुओं से गोदकर एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई। गोविंदपुरी में ही एक पुलिस कॉन्स्टेबल की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई। कुछ दिन पहले पंचशील एनक्लेव में एक बुजुर्ग को मार डाला गया। वहीं, नारायणा गांव में एक व्यक्ति को मार दिया जबकि छह महीने पहले उसके भाई को भी मार दिया गया था। रोज इस तरह की कोई न कोई घटनाएं घट रही हैं। महिलाएं असुरक्षित हैं। अब बच्चे भी सुरक्षित नहीं बचे। बच्चों के स्कूलों को बम से उड़ाने से धमकियां आ रही हैं। यह पहली बार नहीं हो रहा है। पिछले एक साल भर के अंदर स्कूलों, अस्पतालों, कॉलेज, हवाई अड्डों और हर जगह बम विस्फोट करने की धमकियां आ रही हैं। इस किस्म की वारदातें दिल्ली के लोगों ने पहले कभी नहीं देखी थीं।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक मई को दिल्ली एनसीआर के 200 से ज्यादा स्कूलों को बम से उड़ा देने की ईमेल आई थी। जिसके बाद स्कूलों को खाली कराया गया और बच्चों को उनके घर भेज दिया गया। आप सोच सकते हो कि इस किस्म की धमकियों से बच्चों और उनके मां-बाप के मनोस्थिति पर क्या असर पड़ता है। हर व्यक्ति दहशत में आ जाता है। 12 मई को दिल्ली के आठ अस्पतालों और दिल्ली एयरपोर्ट बम से उड़ाने की धमकी दी गई। 24 मई को दिल्ली यूनिवर्सिटी के कई कॉलेज, जैसे गार्गी कॉलेज, हंसराज कॉलेज, रामजस कॉलेज, इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज और कई अन्य कॉलेजों को बम से उड़ाने की धमकियां मिली। 20 अगस्त साउथ दिल्ली के तीन मॉल और एक अस्पताल को बम से उड़ा देने की धमकी मिली। 21 अगस्त को दिल्ली एनसीआर के 100 अस्पतालों और एक शॉपिंग मॉल को बम से उड़ा देने की धमकी मिली। ऐसा नहीं है कि केवल धमकियां मिल रही हैं। 20 अक्टूबर को दिल्ली के रोहिणी में स्थित सीआरपीएफ के स्कूल में बम विस्फोट हुआ। 28 नवंबर को प्रशांत विहार के एक पीवीआर में धमाका हुआ। 27 अक्टूबर को दिल्ली एयरपोर्ट से जुड़ी आठ विमानों को बम से उड़ाने की धमकी मिली। 29 नवंबर को रोहिणी के वेकेंटेश्वर ग्लोबल स्कूल को बम से उड़ा देने की धमकी मिली और 9 दिसंबर को डीपीएस आरके पुरम और जीडी गोयंका सहित 40 स्कूलों बम से उड़ाने की धमकी मिली है।

अरविन केजरीवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से हाथ जोड़कर विनती करते हुए कहा कि दिल्ली की जनता उनसे जानना चाहती है कि वो दिल्ली के लोगों को सुरक्षा देने के लिए क्या कर रहे हैं? दिल्ली के लोग उनसे और कुछ नहीं मांग रहे हैं। हमें राजनीति नहीं करनी है, हमें केवल सुरक्षा चाहिए। सुरक्षा देने की जिम्मेदारी अमित शाह की है, उन्हें सुरक्षा देनी होगी। मैं मांग करता हूं कि अमित शाह दिल्ली आएं, दिल्ली वालों के बीच में बैठें और दिल्ली वालों को यह भरोसा दें कि वो दिल्ली के लोगों को कैसे सुरक्षित कर रहे हैं?

उधर, आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि सोमवार को दिल्ली के 40 स्कूलों में बम होने की धमकी आई है और 30 हजार डॉलर भी मांगे गए हैं। यह सारी खबरें देखकर दिल दहल जाता है कि अब हमारे बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं। हम अपने बच्चों को स्कूल में पढ़ने के लिए भेजते हैं लेकिन अब हम इस दशक के साए में जिए कि हमारे बच्चे स्कूल जाएं तो हम घर बैठे हुए डरे कि कही स्कूलों में बम की खबर तो नहीं आ जाएगी, कही स्कूल में बम ब्लास्ट तो नहीं हो जाएगा। मैं यह सोचकर के ही हिल जाता हूं कि इस खबर के आने के बाद उन मां-बाप पर इस वक्त क्या गुजर रही होगी जिनके बच्चे इस वक्त स्कूलों में हैं।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगर पूरी दिल्ली में देखें तो भारतीय जनता पार्टी ने पूरी दिल्ली में दहशत का माहौल बना रखा है। अमित शाह जी की अगुआई में दिल्ली की कानून व्यवस्था पूरी तरह से फैल है। केंद्रीय गृह मंत्री होने के नाते उनको यह जिम्मेदारी लेनी चाहिए। वह देश की राजधानी में बैठे हैं। दिल्ली में चारों तरफ व्यापारियों से रंगदारी वसूली जा रही है, चारों तरफ बदमाश खुलेआम पिस्तौल लहराते हुए फायरिंग करते हुए घूम रहे हैं, रोज इस तरह की घटनाएं हो रहे हैं और अब हमारे बच्चे भी सुरक्षित नहीं है। आदमी मॉर्निंग वॉक पर जाता है तो वह भी सुरक्षित नहीं है, उसके परिवार वाले सुरक्षित नहीं है। हम अपने बच्चों को स्कूल में छोड़कर आ रहे हैं तो वह भी सुरक्षित नहीं हैं। आखिर अमित शाह जी कर क्या रहे हैं, देश का गृह मंत्रालय कर क्या रहा है? पुरी की पूरी इंटेलिजेंस और केंद्र सरकार कर क्या रही है? अगर देश की राजधानी में लोग इतने दहशत में जीने के लिए मजबूर हैं तो इस देश में हो क्या रहा है, सरकारें कहां है? मैंने कभी दिल्ली में इस तरह का दहशत का माहौल नहीं देखा।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में कानून व्यवस्था केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। इतना दहशत का माहौल कभी नहीं देखा। स्कूल के किनारे बम फट रहे हैं, एक महीने बाद फिर से वहां पर बम मिल जाता है, बम फट जाता है। चारों तरफ व्यापारियों को रंगदारी की धमकी आ रही है, अपहरण होने के धमकी आ रही हैं, गोलियां चल रही हैं, मर्डर हो रहे हैं। इसलिए कहीं न कहीं भाजपा को अपनी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। आज जिन स्कूलों में बम की धमकी आई है, उसमें भाजपा के लोगों के भी बच्चे पढ़ रहे हैं ।

मनीष सिसोदिया ने रोहिंग्या को लेकर कहा कि रविवार को ही मैं सोशल मीडिया पर लिखा था कि केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी जी ने ट्वीट कर कहा था कि केंद्र सरकार दिल्ली में रोहिंग्या को बसाने जा रही है। बाकायदा कई न्यूज चैनलों पर भी उनका यह बयान है कि किस तरह से केंद्र सरकार दिल्ली में रोहिंग्याओं को सुविधाएं देने जा रही है। 2022 में रोहिंग्याओं को कौन बसा रहा था? भाजपा अपने गिरेबान में जाकर कर देखे। राजनीति करने के लिए आम आदमी पार्टी पर जिम्मेदारी डालते हैं, लेकिन 2022 में तो भाजपा के केंद्रीय मंत्री खुद खुलेआम ट्वीट कर कह रहे थे कि हम रोहिंग्याओं को बसा रहे हैं।

वहीं, दिल्ली की सीएम आतिशी ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि दिल्ली में रोजमर्रा होने वाली फिरौती, हत्याओं, गोलीबारी की घटनाओं के बाद अब स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकियां मिल रही हैं। दिल्ली में लॉ एंड ऑर्डर की ऐसी बदहाल हालत पहले कभी नहीं रही। भाजपा शासित केंद्र सरकार दिल्ली वालों को सुरक्षा देने के अपने इकलौते काम में फेल हो चुकी है।

जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद संजय सिंह ने एक्स पर कहा कि अमित शाह जी किस गहरी नींद में सो रहे हैं आप?जागिए, आपकी नाक के नीचे देश की राजधानी दिल्ली में बच्चों स्कूलों में बम फोड़ने की धमकी दी जा रही है।

पिछले 6 महीने में बम से उड़ाने की यहां मिली धमकी

1 मई: दिल्ली-एनसीआर के 200 से ज्यादा स्कूलों को बम ब्लास्ट की धमकी भरे ईमेल मिले, जिसके बाद स्कूलों को खाली कराया गया और बच्चों के माता-पिता में दहशत फैल गई।

12 मई : दिल्ली के आठ अस्पतालों और आईजीआई एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली ।

24 मई: दिल्ली यूनिवर्सिटी के कई कॉलेजों, जैसे हंसराज कॉलेज, गर्गी कॉलेज, रामजस कॉलेज, इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज, और कई अन्य को बम धमाकों की धमकियाँ मिलीं।

20 अगस्त : दक्षिण दिल्ली के 3 मॉल और 1 अस्पताल को ईमेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिली

21 अगस्त : दिल्ली एनसीआर के लगभग 100 अस्पतालों और शापिंग मॉल को बम ब्लास्ट की धमकियाँ मिलीं ।

20 अक्टूबर: दिल्ली के रोहिणी स्थित सीआरपीफ स्कूल में विस्फोट हुआ।

22 अक्टूबर : दिल्ली एयरपोर्ट से जुड़ी आठ विमानों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई ।

28 नवंबर: प्रशांत विहार के एक पीवीआर में कम तीव्रता का धमाका हुआ, जो एक स्कूल से केवल 1 किलोमीटर की दूरी पर था।

29 नवंबर: रोहिणी के वेंकटेश्वर ग्लोबल स्कूल को बम धमाके की धमकी मिली

09 दिसंबर: डीपीएस आरके पुरम और जीडी गोयनका सहित 40 स्कूलों को बम धमाके की धमकी दी गई।

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