The News Air- (चंडीगढ़) स्वर्ण मंदिर में हुई बेअदबी के प्रयास और आरोपी की भीड़ द्वारा हत्या के बाद पूरे पंजाब में हाई अलर्ट है। इसके बीच लुधियाना कोर्ट में इस तरह ब्लास्ट होना, कहीं न कहीं पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। क्योंकि प्रदेशभर में नाके लगे हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस खड़ी है, उसके बावज़ूद कोई सुसाइड बॉम्बर बनकर आता है, कोर्ट परिसर में घुसता है और धमाका हो जाता है। न पुलिस को भनक लगी और न ही परिसर में मौजूद इतने लोगों को।
कोर्ट में घुसने के 12 रास्ते
जिस परिसर में यह धमाका हुआ है, वह 7 मंज़िला कॉम्पलेक्स है। इसमें 1500 से ज़्यादा वकीलों के चैंबर बने हुए हैं। रोज़ाना हज़ारों लोगों का आवागमन होता है। कॉम्पलेक्स में जाने के लिए 12 दरवाज़े हैं। इनमें से दो पर ही मेटल डिटेक्टर हैं और वह भी चलते नहीं हैं। लघु सचिवालय की इस इमारत में डीसी कार्यालय के सभी मुलाज़िमों के कार्यालय, दूसरी तरफ़ पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भूल्लर का कार्यालय और तमाम अफ़सरों के कार्यालय हैं। कोर्ट कॉम्पलेक्स के क़रीब 400 मीटर के दायरे में मॉडल ग्राम में कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू का घर है। जिस मंज़िल पर ब्लास्ट हुआ है, वहाँ पर काफ़ी चहल पहल रहती है। यहां पर चार कोर्ट हैं। इस मंज़िल पर ही बड़ी संख्या में वकीलों के रूम हैं।
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इलाक़ा भी वह, जहां भीड़ ज़्यादा रहती है
ग़नीमत रही कि गुरुवार को धमाके के समय लोगों की संख्या कम थी, क्योंकि पंजाब में सरकारी कर्मियों की क़लम छोड़ हड़ताल चल रही है। वरना अगर सुसाइड बॉम्बर अटैक था तो धमाके के लिए इलाक़ा भी वह चुना गया, जहां भीड़ ज़्यादा रहती है और चैकिंग की भी ख़ास व्यवस्था नहीं होती है।
काफ़ी पावरफुल धमाका था
लुधियाना से कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु ने कहा कि यह काफ़ी पावरफुल धमाका था। एक व्यक्ति के शव के चिथड़े उड़े हुए थे। इससे लगता है कि वह सुसाइड बॉम्बर था। हालांकि अभी पुलिस इसकी जांच कर रही है और उसके बाद ही पुख़्ता तौर पर कुछ कहा जा सकेगा। मुख्यमंत्री के साथ गृह विभाग देख रहे डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा भी मौक़े पर पहुंच रहे हैं। जिसके बाद पुलिस शुरुआती जांच के बाद पूरा मामला स्पष्ट करेगी।