The News Air – कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ़ इंडिया (CCI) ने शुक्रवार को 2019 में अमेजन (Amazon) की फ्यूचर कूपन के साथ हुई डील को सस्पेंड कर दिया। फ्यूचर कूपन फ्यूचर ग्रुप की होल्डिंग कंपनी है। रेगुलेटर अप्रूवल के दौरान जानकारी छिपाने पर अमेजन (Amazon) पर 200 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। CCI ने अपने 57 पन्नों के आदेश में कहा, डील की नए सिरे से जांच करना ज़रूरी है।
फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (FPCL) और कन्फेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) का आरोप है कि अमेजन (Amazon) का FPCL में 49% हिस्सेदारी का मक़सद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड को इनडायरेक्ट रूप से कंट्रोल करना था, जिसका उसने खुलासा नहीं किया था। CCI ने भी अपने आदेश में कहा, ‘अमेजन (Amazon) ने डील के अपने असली मक़सद को छिपाया और एग्रीमेंट के लिए झूठे और ग़लत बयान दिए।’
फ्यूचर ग्रुप के रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स बिजनेस को रिलायंस रिटेल ने 24,713 करोड़ रुपए में ख़रीदने की घोषणा की थी। इसी के बाद से ये विवाद चल रहा है।
कब-क्या हुआ?
- 2019
- अगस्त 2019: अमेजन (Amazon) ने 1500 करोड़ रुपए में फ्यूचर कूपन में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी। फ्यूचर रिटेल में फ्यूचर कूपन की 7.3% हिस्सेदारी है। इस वजह से अमेजन (Amazon) को इनडायरेक्ट रूप से फ्यूचर रिटेल में 3.58% की स्टेक मिल गई।
2020
- 29 अगस्त: फ्यूचर रिटेल बोर्ड ने रिलायंस रिटेल डील को मंजूरी दी। बताया गया कि फ्यूचर ग्रुप के रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स बिजनेस को रिलायंस रिटेल 24,713 करोड़ रुपए में ख़रीदेगी।
- 9 अक्टूबर: फ्यूचर-रिलायंस रिटेल डील पर आपत्ति जताते हुए अमेजन सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर पहुंच गया।
- 25 अक्टूबर: सिंगापुर इमरजेंसी आर्बिट्रेटर (SIAC) ने रिलायंस और फ्यूचर के बीच हुई डील पर रोक लगा दी।
- 7 नवंबर: फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस-फ्यूचर डील में अमेजन (Amazon) का दख़ल रोकने की मांग को लेकर याचिका दायर की।
- 20 नवंबर: डील को कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ़ इंडिया की मंजूरी मिल गई।
- 21 दिसंबर: दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने डील पर रोक लगाने से मना कर दिया।
- 2021
- 6 जनवरी: अंतिम फ़ैसला पारित करने के लिए SIAC ने तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया।
- 13 जनवरी: दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने अमेजन (Amazon) की याचिका पर फ्यूचर रिटेल को नोटिस जारी किया।
- 20 जनवरी: सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (सेबी) ने रिलायंस-फ्यूचर रिटेल डील को मंजूरी दी।
- 2 फरवरी: दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने फ्यूचर रिटेल-रिलायंस ग्रुप डील पर यथास्थिति का आदेश दिया।
- 3 फरवरी: फ्यूचर रिटेल ने दिल्ली HC में 2-जजों की बेंच के समक्ष यथास्थिति के आदेश का विरोध किया।
- 8 फरवरी: दो जजों की बेंच ने फ्यूचर रिटेल-रिलायंस रिटेल डील पर सिंगल बेंच के यथास्थिति के आदेश को वापस लिया।
- 11 फरवरी: अमेजन (Amazon) ने दिल्ली हाईकोर्ट के यथास्थिति हटाने के आदेशों को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया।
- 12 फरवरी: नेशनल लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने रिलायंस के साथ डील को मंजूरी देने के लिए शेयरहोल्डर मीटिंग बुलाने की फ्यूचर ग्रुप की याचिका पर सुनवाई की और आदेश सुरक्षित रखा।
- 22 फरवरी: सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर रिटेल को NCLT के पास दायर याचिका पर आगे बढ़ने की अनुमति दी। कोर्ट ने यथास्थिति की मांग वाली अमेजन (Amazon) की याचिका पर फ्यूचर रिटेल को नोटिस भी जारी किया।
- 18 मार्च: दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने फ्यूचर रिटेल-रिलायंस रिटेल डील पर रोक लगा दी। बियानी के एसेट अटैच करने को भी कहा गया। सिंगल बेंच का ऑर्डर SIAC की तरफ़ से 25 अक्टूबर 2020 को जारी आदेश को लागू कराने की अमेजन (Amazon) की अपील पर आया था।
- 18 मार्च: SC ने कहा कि वह अप्रैल के अंतिम सप्ताह में अमेजन (Amazon) की याचिका पर सुनवाई करेगा।
- 20 मार्च: फ्यूचर ग्रुप ने डील पर रोक लगाने और बियानी के एसेट अटैच करने के आदेश को चुनौती दी।
- 22 मार्च: दिल्ली HC ने बियानी के एसेट को अटैच करने के आदेश पर रोक लगाई।
- 19 मई: रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने NCLT का रूख किया, शेयरहोल्डर मीटिंग बुलाने की अनुमति माँगी।
- 22 जून: NCLT ने शेयरहोल्डिंग मीटिंग बुलाने की रिलायंस रिटेल की याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा।
- 12-17 जुलाई: डील के ख़िलाफ़ अमेजन (Amazon) की याचिका पर SIAC की अंतिम सुनवाई।
- 20 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर-रिलायंस रिटेल डील पर रोक लगाने की अमेजन (Amazon) की याचिका पर सुनवाई शुरू की।
- 29 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर रिटेल की सेल पर रोक लगाने की अमेजन (Amazon) की याचिका पर फ़ैसला सुरक्षित रखा।
- 6 अगस्त: सुप्रीम कोर्ट ने अमेजन (Amazon) के पक्ष में फ़ैसला सुनाया।
- 21 अक्टूबर: फ्यूचर रिटेल ने कहा कि SIAC ने RIL के साथ डील पर अंतरिम रोक हटाने की कंपनी की याचिका को खारिज कर दिया।
- 17 दिसंबर: CCI ने अमेजन पर 200 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया। 2019 की अमेजन-फ्यूचर डील को सस्पेंड किया।