Punjab University Affidavit Protest : पंजाब यूनिवर्सिटी (Punjab University) चंडीगढ़ (Chandigarh) में छात्र संगठनों और प्रशासन के बीच टकराव तेज हो गया है। यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज़ (University Institute of Legal Studies) के छात्र अभिषेक डागर (Abhishek Dagar) ने एफिडेविट (Affidavit) की शर्तों के विरोध में बुधवार से आमरण अनशन (Hunger Strike) शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि जब तक यूनिवर्सिटी यह आदेश वापस नहीं लेती, तब तक वे अन्न ग्रहण नहीं करेंगे।

क्या है मामला
पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जून 2025 में एक नया आदेश जारी किया था, जिसके तहत दाखिले से पहले सभी छात्रों को 11 शर्तों वाला एफिडेविट जमा कराना जरूरी कर दिया गया है। इसमें यूनिवर्सिटी या कॉलेज परिसर में किसी भी तरह का प्रदर्शन न करने, ज्यादा आवाज में नारेबाजी से बचने और किसी भी प्रकार के आपराधिक केस में शामिल न होने जैसी बातें शामिल हैं। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भी उल्लेख किया गया है।

छात्रों का आरोप — ‘लोकतांत्रिक अधिकार छीने जा रहे’
अभिषेक डागर, जो पंजाब यूनिवर्सिटी कौंसिल के महासचिव हैं, का कहना है कि यह कदम छात्रों की लोकतांत्रिक आवाज को कुचलने की साजिश है। उन्होंने कहा, “पहले ओपन माइक बंद किया गया, अब प्रदर्शन का अधिकार छीना जा रहा है। अगर इस पर चुप रहे, तो यूनियन पॉलिटिक्स खत्म हो जाएगी।”
वहीं, अन्य छात्र संगठनों ने भी इस मुद्दे पर प्रशासन के खिलाफ धरना शुरू करने की घोषणा कर दी है।

अभियान के समर्थन में अन्य संगठन भी उतरे
छात्र संगठन स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (SOPU), पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस स्टूडेंट काउंसिल (PUCSC) और स्वतंत्र छात्र प्रतिनिधि भी अभिषेक डागर के समर्थन में आ गए हैं। 30 अक्टूबर से इन सभी संगठनों ने वाइस चांसलर (Vice-Chancellor) कार्यालय के बाहर प्रदर्शन का ऐलान किया है।

पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति का इतिहास दशकों पुराना है। कई प्रमुख राजनीतिक नेता इसी कैंपस से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचे हैं। मगर हाल के वर्षों में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बार-बार छात्र प्रदर्शनों को सीमित करने वाले कदम उठाए हैं। एफिडेविट आदेश इसी विवाद की ताजा कड़ी है, जिसे छात्र संघ ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला’ बता रहे हैं। वहीं, प्रशासन का तर्क है कि इन नियमों का उद्देश्य कैंपस में अनुशासन बनाए रखना है।

एफिडेविट में शामिल प्रमुख शर्तें:
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यूनिवर्सिटी या रिहायशी इलाकों में प्रदर्शन पर रोक।
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तय सीमा से ज्यादा आवाज में नारेबाजी मना।
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हथियार या हानिकारक वस्तु लाने पर प्रतिबंध।
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नियम तोड़ने पर प्रवेश रद्द और परीक्षा में रोक संभव।
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दीवारों पर पोस्टर या विज्ञापन लगाने पर जुर्माना।
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कैंपस में बाहरी लोगों को प्रदर्शन के लिए बुलाने की मनाही।
मुख्य बातें (Key Points):
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पंजाब यूनिवर्सिटी छात्र अभिषेक डागर ने एफिडेविट विरोध में आमरण अनशन शुरू किया।
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छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रशासन लोकतांत्रिक अधिकार छीन रहा है।
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कई छात्र संगठन 30 अक्टूबर से प्रदर्शन में शामिल होंगे।
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एफिडेविट में 11 विवादित शर्तें छात्रों के लिए अनिवार्य की गई हैं।






