Delhi AAP Leaders Investigation: दिल्ली एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) आम आदमी पार्टी (AAP) के बड़े नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी में है। इस सूची में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal), सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) और विधायक मुकेश अहलावत (Mukesh Ahlawat) शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक, ACB ने इन नेताओं को नोटिस भेजकर 15 करोड़ रुपए की रिश्वत के दावों पर जवाब मांगा था, लेकिन अभी तक कोई उत्तर नहीं मिला है। अगर AAP की ओर से जवाब नहीं दिया जाता, तो ACB दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश कर सकती है।
केजरीवाल ने लगाए थे भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप
7 फरवरी को ACB की टीम जांच के लिए अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह और मुकेश अहलावत के घर पहुंची थी।
- करीब डेढ़ घंटे की जांच के बाद टीम ने लीगल नोटिस सौंपा और वापस लौट गई।
- यह नोटिस केजरीवाल द्वारा दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले किए गए दावे पर भेजा गया था।
केजरीवाल ने चुनाव के नतीजे आने से एक दिन पहले दावा किया था कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) उनके विधायकों और उम्मीदवारों को 15-15 करोड़ रुपए की पेशकश कर रही है।
- भाजपा ने इन आरोपों को झूठा बताया और दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना (VK Saxena) से इसकी जांच कराने की मांग की।
- LG ने यह जांच एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को सौंप दी।
ACB ने मांगे थे 16 विधायकों के नाम और सबूत
ACB ने अरविंद केजरीवाल को भेजे गए नोटिस में उन 16 आप (AAP) विधायकों की जानकारी मांगी थी, जिन्हें कथित रूप से रिश्वत की पेशकश की गई थी।
- ACB ने इन 16 विधायकों के सोशल मीडिया पोस्ट और कथित रिश्वत देने वालों की पहचान से जुड़ी जानकारी देने को कहा था।
- ACB ने AAP नेताओं से आरोपों से जुड़े सभी सबूत भी मांगे थे, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
ACB ने AAP नेताओं से पूछे 5 अहम सवाल:
- आरोपों से जुड़ी पोस्ट आपने खुद लिखी थी या किसी और ने?
- उन 16 विधायकों के नाम बताएं, जिन्हें पैसे ऑफर किए गए थे।
- वे फोन नंबर साझा करें, जिनसे विधायकों को रिश्वत के लिए कॉल आए थे।
- आरोपों से जुड़े सभी सबूत दें, ताकि उचित कानूनी कार्रवाई की जा सके।
- क्या झूठे आरोप लगाने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए?
AAP ने भाजपा पर लगाया विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली चुनाव से ठीक पहले भाजपा पर ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ (Horse Trading) यानी विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया था।
उन्होंने दावा किया था कि: “भाजपा हमारे विधायकों को 15 करोड़ रुपए और मंत्री पद देने का लालच दे रही है। लेकिन हमारा एक भी विधायक नहीं टूटेगा।”
केजरीवाल ने यह भी कहा था कि भाजपा जानबूझकर फर्जी सर्वे करा रही है, ताकि माहौल बनाया जा सके और उनके उम्मीदवारों को तोड़ा जा सके।
“अगर भाजपा को 55 से ज्यादा सीटें मिल रही हैं, तो उन्हें हमारे उम्मीदवारों को फोन करने की जरूरत क्यों पड़ रही है?”
भाजपा ने किया इनकार, AAP को नोटिस का जवाब देना होगा
भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि AAP जनता को गुमराह कर रही है।
अब ACB द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब न देने पर AAP नेताओं पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
ACB के सूत्रों के मुताबिक:
- अगर AAP नेता सबूत नहीं देते हैं, तो यह झूठे आरोप और जनता को भ्रमित करने की साजिश मानी जा सकती है।
- दिल्ली पुलिस को इस मामले में FIR दर्ज करने का निर्देश भी दिया जा सकता है।
अब आगे क्या होगा?
- अगर AAP नेता सबूत नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई संभव।
- ACB दिल्ली पुलिस को लेटर लिख सकती है, ताकि AAP नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज हो।
- केजरीवाल, संजय सिंह और मुकेश अहलावत की कानूनी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
अब सबकी नजर इस पर है कि AAP इस नोटिस का क्या जवाब देती है, और क्या केजरीवाल अपने आरोपों के समर्थन में सबूत पेश करेंगे या नहीं।