AAP Political Crisis: दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) में उथल-पुथल मची हुई है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने मंगलवार को दिल्ली स्थित कपूरथला हाउस (Kapurthala House, Delhi) में पंजाब के विधायकों की एक अहम बैठक बुलाई।
इस बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) के साथ-साथ पार्टी के अहम रणनीतिकार राघव चड्ढा (Raghav Chadha) और संदीप पाठक (Sandeep Pathak) भी मौजूद रहे। बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई और इसे पंजाब में AAP के अंदर असंतोष से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह बैठक दिल्ली की हार पर मंथन और 2027 के पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाने को लेकर थी।
पंजाब में बढ़ते असंतोष पर बैठक या दिल्ली हार की समीक्षा?
AAP के विधायकों और नेताओं ने इस मीटिंग को रूटीन बैठक बताया, लेकिन इसके पीछे कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
- पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) पहले ही दावा कर चुकी है कि AAP के 30 विधायक बगावत करने के मूड में हैं।
- कांग्रेस का यह भी आरोप है कि अरविंद केजरीवाल खुद पंजाब के मुख्यमंत्री बनने की योजना बना रहे हैं।
- AAP के अंदर भगवंत मान के नेतृत्व को लेकर भी असंतोष की खबरें हैं, हालांकि पार्टी ने इसे अफवाह बताया।
इस बीच, संगरूर से AAP विधायक नरिंदर कौर (Narinder Kaur) ने कहा,
“यह एक रूटीन बैठक थी, जिसमें दिल्ली चुनाव परिणामों की समीक्षा और भविष्य की रणनीति पर चर्चा की गई।”
कांग्रेस का दावा – AAP में बगावत तय!
कांग्रेस नेताओं ने पंजाब में AAP के टूटने की अटकलें तेज कर दी हैं।
- कांग्रेस का कहना है कि 30 से ज्यादा विधायक AAP छोड़ने को तैयार हैं।
- पार्टी ने यह भी दावा किया कि अरविंद केजरीवाल भगवंत मान को हटाकर खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं।
- कांग्रेस ने AAP की हार का मजाक उड़ाते हुए कहा कि “दिल्ली में सरकार चलाने के बावजूद पार्टी का खाता नहीं खुला, अब पंजाब पर ध्यान दिया जा रहा है।”
AAP सांसद मलविंदर सिंह कांग (Malwinder Singh Kang) ने इन सभी अटकलों को खारिज करते हुए कहा,
“हमारी सरकार पंजाब में मजबूत है। कांग्रेस खुद बिखरी हुई है और झूठे दावे कर रही है।”
दिल्ली की हार से पंजाब में हलचल, क्या केजरीवाल लड़ेंगे लुधियाना से चुनाव?
5 फरवरी को आए दिल्ली चुनाव परिणामों में AAP को बड़ा झटका लगा था।
- 2020 में 62 सीटें जीतने वाली AAP सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई।
- वहीं BJP ने 48 सीटें जीतकर बड़ी बढ़त बनाई।
इस हार के बाद चर्चाएं तेज हो गई हैं कि अरविंद केजरीवाल अब पंजाब की राजनीति में ज्यादा सक्रिय हो सकते हैं।
- अफवाहें यह भी हैं कि केजरीवाल लुधियाना (Ludhiana) की खाली सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
- हालांकि, AAP सांसद मलविंदर सिंह कांग ने इन कयासों को खारिज कर दिया है।
- लेकिन सच्चाई यह है कि पंजाब ही अब AAP की इकलौती सरकार बची है, इसलिए पार्टी यहां पूरा फोकस कर रही है।
भाजपा और कांग्रेस ने AAP पर कसा तंज
AAP की इस मीटिंग पर विपक्षी दलों ने तीखे हमले बोले हैं।
1. कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) का बयान:
- “AAP दिल्ली के चुनाव नतीजों से घबराई हुई है।”
- “पंजाब में मध्यावधि चुनाव (Mid-Term Election) हो सकते हैं।”
- “भगवंत मान की सरकार अंदर से हिल चुकी है।”
2. BJP विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) का तंज:
- “केजरीवाल पंजाब का मुख्यमंत्री बनने के रास्ते खोज रहे हैं।”
- “भगवंत मान को नाकाम साबित करने की कोशिश हो रही है।”
- “AAP पंजाब की महिलाओं को ₹1000 देने का वादा भी पूरा नहीं कर पाई, अब बहाने बना रही है।”
अब आगे क्या?
- AAP की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद पंजाब के सियासी हालात और साफ होंगे।
- अगर कांग्रेस का दावा सही निकला तो AAP की पंजाब सरकार संकट में आ सकती है।
- अरविंद केजरीवाल की भूमिका को लेकर आगे और बड़े बयान आ सकते हैं।
अब सबकी नजर AAP की रणनीति पर है। क्या यह सच में सिर्फ एक रूटीन मीटिंग थी या पंजाब में बड़े बदलाव की आहट?