चंडीगढ़, 18 सितंबर (The News Air) आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने सोमवार को बयान जारी कर जनसंवाद कार्यक्रम को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सीएम खट्टर का जनसंवाद कार्यक्रम ‘जन विवाद’ कार्यक्रम बनकर रह गया है। जनसंवाद कार्यक्रम में लोग अपनी समस्याएं लेकर आते हैं लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया जाता। उनको जनसंवाद कार्यक्रम में आने नहीं दिया जाता तो ये जनसंवाद किस नाम का है।
उन्होंने कहा शहरी निकाय मंत्री कमल गुप्ता के कार्यक्रम में आशा वर्कर्स अपनी बात रखना चाहती थी, लेकिन उनको बोलने नहीं दिया गया। वहां पर हंगामा हो गया और मंत्री जी कार्यक्रम को छोड़कर चले गए। इसके बाद कृषि मंत्री जेपी दलाल के कार्यक्रम में फिर वही दोहराया गया, आशा वर्कर्स को आने नहीं दिया गया। फिर हंगामा हुआ और जनसंवाद कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा और मुख्यमंत्री खट्टर के जनसंवाद में क्या क्या होता है, वो तो प्रदेश की जनता देख ही रही है।
उन्होंने कहा कि जहां बाढ आई थी, फतेहाबाद और सिरसा जैसे इलाके में कई कई फुट रेता चढ़ा हुआ है। लोग कह रहे हैं कैसे इसमें फसल लगाएं, किसी किसान के बस की बात नहीं है वो सारा रेता वहां से हटा दें, इसके लिए सरकारी मदद की जरुरत है। लेकिन सरकारी मदद के लिए जब किसान मुख्यमंत्री खट्टर के जनसंवाद में आना चाहते हैं तो उनको गिरफ्तार करवा देते हैं। किसान नेताओं को जनसंवाद में आने नहीं देते, तो फिर वो अपनी समस्या सीएम खट्टर के सामने रखेंगे कैसे और जब अपनी समस्या नहीं रखेंगे तो उनका समाधान कैसे करेंगे। फिर ये जनसंवाद कैसे हुआ।
उन्होंने कहा कि जनसंवाद का मतलब जनता के मन की बातों को सुनना है सिर्फ अपने मन की बात को कह कर आ जाना ये जनसंवाद नहीं है। इसलिए हरियाणा में आज के समय में हर वर्ग बुरी तरह से परेशान है। पूरा प्रदेश हड़ताल प्रदेश बन चुका है, प्रदेश में हजारों की संख्या में किसी न किसी मुद्दे को लेकर हड़ताल चल रही है। सीएम खट्टर ने हरियाणा को धरना प्रदेश बना दिया है। क्योंकि सीएम खट्टर किसी की भी समस्या को सुनने और उसका समाधान करने को तैयार नहीं है।
उन्होंने कहा कि विगलांग अपनी समस्या को लेकर बैठे हैं और कई महीनों से धरना कर रहे हैं, सीएम खट्टर को उनकी जरा सी भी प्रवाह नहीं है। रोहनात गांव के धरने पर उनके एक साथी ने फांसी लगाकर आत्महत्या करली, क्योंकि सीएम खट्टर के अफसरों ने उनको परेशान किया। सीएम खट्टर उनकी भी बात सुनने को तैयार नहीं हैं। किसान आशा वर्कर्स, क्लर्क, कर्मचारी और सरपंच अपनी समस्या बताना चाहते हैं और युवा रोजगार मांगें, युवा सीईटी की परीक्षा में गड़बड़ी बताएं तो सीएम खट्टर सुनने को तैयार नहीं हैं। सीएम खट्टर प्रदेश के किसी भी वर्ग की समस्या सुनने को तैयार नहीं हैं तो ये जनसंवाद कैसा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर का ये जनसंवाद कार्यक्रम “जनविवाद कार्यक्रम” बन गया है। जहां सीएम खट्टर जनता के साथ विवाद स्थापित करते हैं। जहां सीएम खट्टर जनता के साथ झगड़ते हैं, जनता का अपमान करते हैं, जनता को नीचा दिखाते हैं और जनता पर पुलिस कार्रवाई करवाते हैं। इस सब बातों से हरियाणा धरना प्रदेश में तबदील होकर रह गया है। उन्होंने सीएम खट्टर से इस पर संज्ञान लेने की मांग की और कहा कि सीएम खट्टर लोगों की समस्या को सुनकर सही संवाद स्थापित करें तभी सही मायने में जनसंवाद स्थापित हो पाएगा।