नई दिल्ली, 13 मई
टिकरी बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के टेंट में पश्चिम बंगाल की युवती से गैंगरेप मामले में अब नया मोड़ आ गया है। गैंगरेप पीड़िता के पिता पुलिस को बुधवार दे दिन ही अहम सबूत सौंपने वाले थे, परन्तु इससे पहले ही संदिग्ध परिस्थिति में वह लापता हो गए।
अब पुलिस के पास उनकी लोकेशन नहीं है। पुलिस के अनुसार केस में सबसे अहम सबूत युवती का मोबाइल फोन था जो उसके पिता के पास है। पुलिस का कहना है कि बुधवार सुबह के बाद पीड़िता के पिता से कोई संपर्क नहीं हो पाया। बताया यह भी जा रहा है कि बुधवार को कुछ लोगों की फोन पर पीड़िता के पिता से बातचीत हुई थी, इस दौरान उन्होंने कहा कि वह धरना स्थल पर नहीं हैं बल्कि वह किसी सुरक्षित जगह पर हैं।इसके बाद से पीड़िता के पिता का फोन बंद आ रहा है।
उधर पुलिस टीम युवती के पिता की लोकेशन पता करने में जुटी हुई है। मामले की जांच कर रही एसआईटी के प्रभारी डीएसपी पवन वत्स ने बताया कि पीड़िता के पिता के गायब होने पर हैरानी है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज होने के बाद युवती का मोबाइल उनसे बार-बार मांगा, लेकिन वह हर बार कोई न कोई बहाना बनाते रहे। गैंगरेप की शिकार युवती की 30 अप्रैल को बहादुरगढ़ के निजी अस्पताल में मौत हो गई थी। उसकी मौत को कोविड-19 से हुई माना गया था। उसी दिन अस्पताल प्रबंधन ने युवती का सामान व मोबाइल उसके पिता को सौंप दिया था। युवती के मोबाइल में आरोपियों के साथ हुई चैटिंग मौजूद है
11 अप्रैल को पश्चिम बंगाल में मिलने के बाद युवती आरोपियों से मोबाइल फोन से संपर्क में थी। इसके बाद 12 अप्रैल को ट्रेन में छेड़छाड़ की घटना व अन्य बातों के बारे में उसने अपने पिता को फोन पर ही जानकारी दी। आरोपियों के साथ हुई युवती की चैट मोबाइल में है।
वहीं, जब युवती को आरोपी कहीं लेकर जा रहे थे, तो संयुक्त मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव से भी बातचीत का रिकॉर्ड इसी फोन में है। पुलिस आरोपियों तक पहुंचने के लिए फोन को अहम कड़ी मान रही है।