केरल, 29 जुलाई (The News Air)
Coronavirus India Live Updates: केरल में कोरोना के केस बढ़ने पर केंद्र सरकार ने चिन्ता जताई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक एसके सिंह की अगुवाई में टीम शुक्रवार को केरल पहुंचेगी और उन कुछ ज़िलों का दौरा करेगी जहां संक्रमण की दर सबसे ज़्यादा सामने आ रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर कहा, “ केंद्र सरकार एनसीडीसी निदेशक की अगुवाई में छह सदस्यीय टीम को केरल भेज रही है। बक़रीद के दौरान सरकार की ओर से दी गई छूटों का ख़ामियाज़ा अब आम जनता को उठाना पड़ रहा है। यहां कोरोना के केस अब दोगुनी तेज़ी से बढ़ रहे हैं। आलम यह है कि पिछले दो दिनों में राज्य में कोरोना के 22 हज़ार से ज़्यादा केस दर्ज़ किए जा रहे हैं। यानी पूरे देश में आ रहे 43 हज़ार केसों में आधे केरल से ही हैं। इतना ही नहीं देश में मौजूदा समय में 4 लाख एक्टिव केस हैं, जिनमें 1.5 लाख सक्रिय मामले केरल से ही हैं। इस स्थिति को देखते हुए केरल की लेफ्ट सरकार ने 31 जुलाई और 1 अगस्त को पूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया है।
उधर पश्चिम बंगाल सरकार ने कुछ ढील के साथ राज्य में कोरोना प्रतिबंधों को 15 अगस्त तक बढ़ा दिया है। 31 जुलाई से इनडोर स्थानों में बैठने की 50% क्षमता के साथ सरकारी कार्यक्रमों की अनुमति होगी। हालांकि, नाइट कर्फ्यू रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक लागू रहेगा।
इससे पहले केंद्र सरकार ने भी मौजूदा कोरोनावायरस गाइडलाइंस को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया है। साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को त्योहारों के मद्देनज़र सख़्त चेतावनी जारी की है। ख़ासकर उन ज़िलों के लिए जहां पॉजिटिविटी रेट लगातार बढ़ रहा है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने अपनी चिट्ठी में कहा कि कोविड-19 प्रोटोकॉल के प्रति फ़िलहाल गैरजिम्मेदाराना रवैया दिखाने की बिल्कुल ज़रूरत नहीं है। चिट्ठी में यह भी कहा गया है कि त्योहारों के समय भीड़ वाले इलाक़ों में कोरोना के नियमों का पालन कराना सबसे ज़रूरी है।
केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे आईसीएमआर की सलाह के मुताबिक़ सीरो सर्वे करें। स्थानीय स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को तैयार करने के लिए ऐसा कहा गया है। ‘सीरोप्रीवैलेंस’ को लेकर जिलास्तर पर डेटा तैयार किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण द्वारा सभी राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों, सचिवों (स्वास्थ्य) को लिखे गए एक पत्र में यह निर्देश दिए गए हैं।