मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा के वृंदावन में स्थित प्रेम मंदिर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस मनमोहक मंदिर को देखने के लिए देश और विदेश से लोग वृंदावन आते हैं। इस मंदिर की सुंदरता हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देती है। यही वजह है कि भक्त यहां पर घंटो रूकने के लिए मजबूर हो जाते हैं। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं इस मंदिर से जुड़ी कुछ रहस्मयी बातें जो आपने शायद ही कभी सुनी होगी।
वृंदावन का ये प्रेम मंदिर भगवान श्री कृष्ण-राधा और राम-सीता को समर्पित है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस भव्य मंदिर की संरचना पांचवें जगदगुरु कृपालु महाराज द्वारा स्थापित की गई थी। मंदिर पूरे एक हजार मजदूरों द्वारा 11सालों में बनाकर तैयार किया गया था। इस भव्य औऱ खूबसूरत मंदिर का निर्माण जनवरी 2001में शुरू किया गया था और इसका उद्घाटन समारोह 15फरवरी से 17फरवरी 2012तक किया गया। 17फरवरी को इसे सार्वजनिक रूप से खोला दिया गया था इस मंदिर की ऊंचाई 125फीट की है और लंबाई 122फीट है। वहीं मंदिर की चौड़ाई करीब 115फीट है। ये मंदिर संगमरमर के पत्थरों से बनाया गया है जोकि इटली से मंगवाए गए थे।
प्रेम मंदिर में 94कलामंडित स्तंभ हैं
प्रेम मंदिर में 94कलामंडित स्तंभ हैं, जो किंकिरी और मंजरी सखियों के विग्रह को दर्शाते हैं। इसके अलावा मंदिर की सतरंगी रोशनी भी भक्तों को काफी आकर्षित करती हैं। इस मंदिर में देश के अलावा विदेश से भी लोग आते हैं। होली औऱ दीवाली में मंदिर का नजारा देखने लायक होता है। इस मंदिर का मुख्य आकर्षण श्री कृष्ण की मनोहर झांकियां और सीता-राम का खूबसूरत फूल बंगला है। मंदिर में फव्वारे, श्रीकृष्ण और राधा की मनोहर झांकियां, श्रीगोवर्धन धारणलीला, कालिया नाग दमनलीला, झूलन लीलाएं बहुत ही खूबसूरत ढंग से दर्शाई गई है।
दिन में बिल्कुल सफेद दिखाई देता है
इस मंदिर खासियत ये भी है कि ये दिन में बिल्कुल सफेद दिखाई देता है और शाम को ये अलग-अलग रंग में नजर आता है। बता दें कि यहां पर स्पेशल लाइटिंग लगाई गई है जिसकी वजह से हर 30सेकेंड में मंदिर का रंग बदल जाता है। मंदिर में सत्संग के लिए एक विशाल भवन का निर्माण किया गया है। जिसमें एक साथ 25हजार लोग बैठ सकते हैं। इस भवन को प्रेम भवन कहा जाता है। जोकि साल 2018में आम लोगों के लिए खोल दिया गया था।
सुबह 4.30 बजे खुलता है मंदिर
प्रेम मंदिर खुलने का समय 4.30 बजे है और समापन समय 8.30 बजे है। मंदिर के अंदर विभिन्न आरती का प्रदर्शन किया जाता है। आरती के समय मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त इकट्ठे होते हैं। मंदिर के अंदर प्रवेश करने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है और प्रवेश सभी के लिए पूरी तरह से नि: शुल्क है। पूरे मंदिर को कवर करने के लिए कम से कम दो घंटे की आवश्यकता है।