शीर्ष अदालत ने इस साल मार्च में राज्य में पिछले साल के राजनीतिक संकट से संबंधित उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुटों की याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने वाले शिवसेना के 16 विधायकों (शिंदे गुट) को अयोग्य ठहराने की मांग भी शामिल थी। लंदन की अपनी यात्रा से पहले बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए नारवेकर ने कहा, ‘‘मेरे स्पीकर बनने के बाद, यह सरकार बहुमत परीक्षण में सफल रही। संख्या बल के हिसाब से देखें तो इस सरकार के पास बहुमत है, चाहे कोई भी फैसला आए।”
नारवेकर ने मंगलवार को कहा था कि विधायकों की अयोग्यता के संबंध में निर्णय विधानसभा अध्यक्ष का विशेषाधिकार है। नारवेकर एक प्रशिक्षित वकील भी हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि न्यायपालिका अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों से अच्छी तरह से अवगत है। नारवेकर मुंबई से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर विधायक चुने गए थे।
उन्होंने जुलाई 2022 में पहली बार विधानसभा अध्यक्ष के रूप में शपथ ली थी। पिछले साल जून में शिंदे और 39 विधायकों ने शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी। इसके परिणामस्वरूप पार्टी टूट गई थी और ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार (जिसमें राकांपा और कांग्रेस भी शामिल हैं) गिर गई थी। शिंदे ने बाद में महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया। शिंदे ने 30 जून, 2022 को मुख्यमंत्री जबकि भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।