चंडीगढ़, 1 जून
श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी और कोटकपूरा गोलीकांड मामले में SIT प्रमुख एल.के यादव के नेतृत्व में पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, डीजीपी (पीएसपी) इकबालप्रीत सिंह सहोता और स्पेशल डीजीपी होमगार्ड रोहित चौधरी सिंह से पूछताछ की गई। अधिकारियों ने तीनों से करीब 8 घंटे तक पूछताछ जारी रखी, परंतु सवालों के जवाब से टीम असंतुष्ट ही रही।
एसआईटी ने सैनी से पूछा कि आपने किसके कहने पर गोली चलाई, आप किन लोगों के संपर्क में थे। सैनी ने कहा, मुझे पूरी घटना याद नहीं है, कुछ जवाब मैं पहले दे चुका हूं, मेरे उन बयानों को माना जाए। कुछ बातों का मैं लिखित में जवाब दे सकता हूं।
पिछले 6 साल से पंजाब की राजनीतिक हलचल का सबसे बड़ा जरिया बने बरगाड़ी बेअदबी प्रकरण की प्रथम घटना गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारे से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पवित्र स्वरूपों की चोरी अब भी रहस्य बनी हुई है। जांच के लिए दो न्यायिक जांच, पंजाब पुलिस की दो एसआईटी व केंद्रीय जांच एजेंसी की करीब 6 वर्ष लंबी माथापच्ची भी कोई काम नहीं आई।
लिहाजा, इसकी बिसात पर सजी राजनीतिक शतरंज ने 2017 के विधानसभा चुनाव में जो रंग दिखाया था, क्या 2022 के चुनाव में वैसा दोहराया जाएगा, यह तो भविष्य बताएगा। हां, डेराप्रेमी इस शतरंज में प्यादे जरूर साबित हो रहे हैं। विधानसभा चुनाव की आहट से पहले कोटकपूरा गोलीकांड प्रकरण में सरकार की फजीहत से पहले एक बार फिर से डेराप्रेमियों की धरपकड़ चल रही है।
भले ही इस राजनीति में कोटकपूरा वासी डेरा सच्चा सौदा के केंद्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी महिंदर पाल बिट्टू की जेल के अंदर ही हत्या भी हो चुकी है। बेअदबी प्रकरणों और दो गोलीकांडों को लेकर 3-3 एफआईआर हो चुकी हैं। करीब दो महीने पहले हाईकोर्ट ने कोटकपूरा गोलीकांड मामले की जांच को रद्द करने से सरकार की फजीहत के बाद फिर एसआईटी ने 6 डेराप्रेमियों को गिरफ्तार कर लिया। डेरा प्रेमियों का केस लड़ रहे वकील विवेक कुमार व फरीदकोट के विनोद मोंगा ने कहा कि उनके मुवक्किल पहले ही जांचों से गुजर चुके हैं व उनके विरुद्ध कोई सबूत नहीं मिले हैं।