चंडीगढ़, 16 मई
श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी और इंसाफ़ मांग रहे सिक्खों पर गोली चलाने के मामलों में सुखबीर सिंह बादल की ओर से सबूत पेश करने की दी चुनौती का जवाब देते आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रधान और सांसद भगवंत मान ने कहा कि सत्ता का प्रयोग करके सबूत मिटाने वालों के खिलाफ सबूतों की कमी नहीं है। पंजाब का बच्चा-बच्चा जानता है कि पंजाब की राजसत्ता हासिल करने के लिए किस ने श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी करवाई है और किस के कहने पर इंसाफ़ मांग रहे सिक्खों पर पुलिस ने गोली चला कर दो सिक्ख नौजवानों को शहीद किया।
रविवार को पार्टी के मुख्य दफ़्तर से जारी बयान में भगवंत मान ने कहा, क्या सुखबीर बादल पंजाब के लोगों और देश विदेश में रहती समूची संगत को बताएंगे कि 2015 में जब गुरू जी की वाणी की बेअदबी की गई तब पंजाब में किस की सरकार थी? जब बरगाड़ी में हुई बेअदबी के विरुद्ध नानक नाम लेवा संगत बहबल कलां, कोटकपूरा में शांतिपूर्वक ढंग से रोष प्रदर्शन कर के आरोपियों को पकडऩे की मांग कर रही थी, तब पुलिस की ओर से अंधाधुंध फायरिंग किस के हुक्मों पर हुई? जिस में दो सिक्ख नौजवानों की जान चली गई और दर्जनों सिक्ख जख्मी हुए थे।
मान ने कहा क्या सुखबीर बादल बताऐंगे कि तब वह उप मुख्यमंत्री के साथ-साथ गृहमंत्री नहीं थे और संगतों पर अज्ञात पुलिस की ओर से चलाई गोली के लिए क्या गृहमंत्री की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती? उन्होंने कहा तत्कालीन अकाली विधायक ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के साथ बात करके एसडीएम विजय सियाल को यह तानाशाह फरमान नहीं सुनाया था कि आज रात धरना नहीं उठवाया तो स्थिति बेकाबू हो जायेगी। संसद मैंबर ने कहा कि सुखबीर बादल बताएं कि सिक्ख संगत पर जनरल अडवायर की तरह चढ़ी उस पुलिस फोर्स की कमान किस के हाथ में थी और कोटकपूरा गोली कांड की सीसीटीवी फुटेज कैसे गायब हो गए और तत्कालीन डीजीपी सुमेध सैनी और डीआईजी परमराज सिंह उमरानंगल सुखबीर बादल की आंखों के तारे क्यों और कैसे बने।
भगवंत मान ने दोष लगाया कि सुखबीर बादल की तरफ से उप मुख्यमंत्री रहते दो साल बरगाड़ी और बहबल कलां- कोटकपूरा घटनाओं के सबूत मिटाने के लिए हर हथियार इस्तेमाल किया गया, परन्तु दोषियों के कपड़ों पर दाग़ लगे रह जाते हैं। उन्होंने कहा कई जांच कमेटियों की तरफ से सुखबीर बादल और अकाली सरकार के खिलाफ बहुत से सबूत पेश किये जा चुके हैं।
मान ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर बादल परिवार के साथ मिले होने के दोष लगाते कहा कि 2017 में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद कैप्टन की ओर से बादलों को बचाने और इंसाफ़ को लटकाना सब के सामने है। जो दुबई समझौते के अंतर्गत घट रहा है। उन्होंने कहा जब कैप्टन अमरिंदर सिंह और बादल परिवार को सवाल पूछे जाते हैं तो यह परिवार चुप्पी धार लेते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत से सवाल ही सबूत हैं, फिर भी बहुत जल्दी ओर सबूत भी रखे जाएंगे। जिनका जवाब न बादल परिवार न ही कैप्टन सरकार और न ही कांग्रेसियों के पास होगा।