The News Air: शहबाज शरीफ पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री बन गए हैं। सोमवार रात उन्होंने पद और गोपनीयता की शपथ ली। सता परिवर्तन पाकिस्तान में हुआ, लेकिन इसकी खुशी भारत के पंजाब के एक गांव में भी मनाई जा रही है। यह गांव तरनतारन जिला में है, जिसका नाम है जाती उमरा। दरअसल, यह गांव पाकिस्तान के नए बने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का पुश्तैनी गांव है। आजादी से पहले उनका परिवार इसी गांव में रहता था।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का यह पुश्तैनी गांव
जाती उमरा गांव पाकिस्तान के लाहौर से तकरीबन 81 किलोमीटर दूर है। आजादी से पहले मियां शहबाज शरीफ व नवाज शरीफ का परिवार यहीं रहता था। आज भी इस गांव में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के परदादा मियां मोहम्मद बख्श की कब्र यहां है।
खास बात है कि इस पूरे गांव में एक ही गुरुघर है और वह भी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पारिवारिक जमीन पर बना हुआ है। गांव के लोगों का कहना है कि जब भी इस गुरुघर में माथा टेकने लोग आते हैं तो शहबाज शरीफ के परिवार को याद करते हैं। शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने पर गांव के गुरुघर में अरदास भी की गई।
गांव के लोग आज भी जुड़े हैं शरीफ परिवार से
चाहे गांव जाती उमरा को आजादी से पहले शहबाज शरीफ का परिवार छोड़कर चला गया था, लेकिन इस गांव के लोग आज भी मियां शहबाज शरीफ व नवाज शरीफ के साथ जुड़े हुए हैं। गांव के बलविंदर सिंह बताते है कि इस गांव के 40 के करीब युवा ऐसे हैं जो दुबई में मियां शहबाज शरीफ व नवाज शरीफ की फैक्ट्रियों में काम कर रहे हैं। खास बात है कि इस गांव के युवाओं को सिर्फ जाती उमरा गांव का नाम लेने की जरूरत होती है और उनके लिए शरीफ परिवार की फैक्ट्रियों में जॉब खुद तैयार हो जाती है।
दोनों देशों के रिश्ते सुधरेंगे
गांव के अन्य नागरिक दिलबाग सिंह ने बताया कि मियां शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने के बाद अब दोनों देशों के रिश्तों में मिठास आएगी। मियां शहबाज शरीफ को आज भी अपनी जमीन से लगाव है। उनका परिवार 1932 में पाकिस्तान चला गया था। 1947 तक गांव जाती उमरा के लोग लाहौर उनकी फैक्ट्री में काम करने जाया करते थे। फिर दोनों देशों के बीच लकीर खिंच गई, लेकिन शरीफ परिवार ने पाकिस्तान में भी लाहौर के पास बाकायदा जाती उमरा को 175 एकड़ में बसाया है।
करोड़ों के प्रोजेक्टों का शुभारंभ करके गए थे शहबाज शरीफ
गांव के सरपंच दिलबाग सिंह बताते हैं कि दिसंबर 2013 में शहबाज शरीफ भारत दौरे पर थे। तब वह पाकिस्तान पंजाब के मुख्यमंत्री थे। भारत दौरे के समय वह गांव जाती उमरा भी आए। यहां उन्होंने कई करोड़ों रुपए के काम शुरू करवाए थे। सड़कें पक्की हो गई थी, स्टेडियम मिल गया था, पानी की व्यवस्था आदि हो गई थी। जाते हुए शहबाज अपने साथ इस जमीन की मिट्टी ले गए थे। अब अगर वह दोबारा आए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहकर इस गांव के बचे दो काम लड़कियों का कॉलेज और सरकारी अस्पताल भी बनवा देंगे।