The News Air – पंजाब में ‘वन MLA-वन पेंशन’ के बाद अब CM भगवंत मान के आगे नया सवाल खड़ा हो गया है। वह है विधायकों का इनकम टैक्स। पिछली कांग्रेस सरकार 117 में से 93 विधायकों का इनकम टैक्स भर रही थी। 4 वर्षों में क़रीब पौने 3 करोड़ का इनकम टैक्स भरा गया। ख़ास बात यह है कि इनमें AAP के भी 15 विधायक शामिल थे। CM मान ने पेंशन का फ़ैसला सुना दिया लेकिन विधायकों की कमाई का इनकम टैक्स सरकारी ख़ज़ाने से जमा करने पर कुछ नहीं कहा।
पूर्व CM बादल और सिद्धू के साथ AAP के भी 15 विधायक
जिन विधायकों का इनकम टैक्स सरकारी ख़ज़ाने से भरा जाता रहा, उनमें 5 बार के CM प्रकाश सिंह बादल और कांग्रेस प्रधान रहे नवजोत सिद्धू का नाम भी शामिल रहा। ख़ास बात यह है कि पंजाब में अब सत्ता में आई AAP के भी 15 विधायकों के नाम यह लाभ लेने वालों में शामिल रहे। जिनमें से अमन अरोड़ा, कुलवंत सिंह पंडौरी, प्रो. बलजिंदर कौर, बुधराम, कुलतार संधवां, गुरमीत सिंह मीत हेयर, सरबजीत कौर माणूंके और जयकिशन सिंह तो दूसरी बार विधायक बनकर आए हैं। इनमें कुलतार संधवां अब विधानसभा स्पीकर और गुरमीत मीत हेयर मंत्री बन चुके हैं।
कैप्टन समेत यह नेता ख़ुद भरते रहे इनकम टैक्स
पिछली सरकार में CM रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत कुछ नेता अपना इनकम टैक्स ख़ुद भरते रहे हैं। इनमें उस वक़्त विधानसभा में विपक्ष के नेता और मौजूदा वित्त मंत्री हरपाल चीमा, मनप्रीत बादल, तृप्त राजिंदर बाजवा, सुखजिंदर रंधावा, सुख सरकारिया, बलवीर सिंह, ब्रह्म मोहिंदरा, गुरप्रीत कांगड़, भारत भूषण आशु, विधायक सिमरजीत बैंस व बलविंदर बैंस, कुलजीत नागरा समेत 24 विधायक शामिल थे।
पंजाब पर 3 लाख करोड़ क़र्ज़ा, CM मान मांग रहे स्पेशल पैकेज
पंजाब पर 3 लाख करोड़ का क़र्ज़ा हो चुका है। दो दिन पहले CM भगवंत मान ने दिल्ली में PM नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात के बाद ख़ुद यह बात कही। इसके बाद मान ने पीएम से हर साल 50 हज़ार करोड़ यानी 2 साल में एक लाख करोड़ का स्पेशल पैकेज मांगा। इसके बावज़ूद इनकम टैक्स का खर्चा सरकारी ख़ज़ाने से देने पर सवाल उठ रहे हैं।
अकाली नेता ने भी उठाई मांग
विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि विधायक के वेतन और सहूलियतों का इनकम टैक्स सरकारी ख़ज़ाने से दिया जाता रहा। जिसमें 2017 से 2022 तक आप के MLA रहे नेता भी शामिल हैं। इसलिए CM भगवंत मान को अब इसे भी बंद करना चाहिए।