Bigg Boss Mental Health : हर साल ‘बिग बॉस’ में कई कंटेस्टेंट टास्क के दौरान टूट जाते हैं, रोते हैं या शो छोड़ने की धमकी देते हैं। दर्शकों की इस चिंता पर अब शो के मेकर्स ने खुलासा किया है कि वे कंटेस्टेंट्स की मानसिक सेहत का ख्याल रखने के लिए एक पूरा सिस्टम इस्तेमाल करते हैं।
ऑडिशन से ही शुरू होती है जांच
शो के प्रोड्यूसर ऋषि नेगी ने इंडिया टुडे/आज तक को बताया कि यह प्रक्रिया सिर्फ शो के दौरान नहीं, बल्कि ऑडिशन के समय से ही शुरू हो जाती है। किसी भी सेलेब्रिटी को शो में शामिल करने से पहले उनकी मनोवैज्ञानिक जांच (psychological check) समेत कई तरह के टेस्ट होते हैं।
‘मानसिक रूप से फिट नहीं, तो एंट्री नहीं’
ऋषि नेगी ने बताया, “कई बार डॉक्टरों ने कहा है कि हमें नहीं लगता यह व्यक्ति बिग बॉस के घर में जाने के लिए मानसिक रूप से फिट है, इसलिए हमें इससे बचना चाहिए। और हमने ऐसे लोगों को शो में शामिल नहीं किया है।”
24×7 ऑन-कॉल रहती है मेडिकल टीम
उन्होंने आगे बताया कि एक बार जब कंटेस्टेंट घर में पहुंच जाते हैं, तो उनकी देखभाल 24×7 जारी रहती है। नेगी ने कहा, “अगर किसी कंटेस्टेंट को किसी भी तरह की जरूरत पड़ती है, तो हमारा मनोचिकित्सक 24×7 उपलब्ध होता है। डॉक्टर और साइकियाट्रिस्ट हर समय ऑन-कॉल रहते हैं। अगर किसी को मानसिक रूप से दिक्कत होती है या ब्रेकडाउन होता है, तो वे तुरंत जांच करते हैं।”
चैनल नहीं, डॉक्टर लेते हैं फैसला
ऋषि नेगी ने यह भी साफ किया कि अगर किसी कंटेस्टेंट की मानसिक हालत ठीक नहीं रहती, तो उसे शो से निकालना है या नहीं, यह फैसला चैनल, प्रोड्यूसर या होस्ट नहीं लेते, बल्कि यह पूरी तरह से मेडिकल टीम का फैसला होता है।
उन्होंने कहा, “डॉक्टर ही तय करते हैं कि व्यक्ति आगे शो में रह सकता है या नहीं। हम ऐसा फैसला नहीं लेते, क्योंकि आखिरकार हम एक शो बना रहे हैं, किसी की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं कर सकते।”
‘सिर्फ लड़ाई नहीं, इमोशन बेस्ड शो है’
निर्माता ने यह भी कहा कि शो को देखने वाले दर्शक अलग-अलग उम्र और भाषाओं के होते हैं, इसलिए कंटेंट को लेकर सावधानी बरतनी पड़ती है। उन्होंने कहा, “शो में गुस्सा, खुशी, झगड़ा सब कुछ दिखता है। अगर सिर्फ लड़ाई ही दिखानी होती, तो फिर बॉक्सिंग मैच करा देते।”
मुख्य बातें (Key Points):
- ‘बिग बॉस’ के प्रोड्यूसर ने खुलासा किया कि शो में कंटेस्टेंट्स की मेंटल हेल्थ का पूरा ध्यान रखा जाता है।
- ऑडिशन के वक्त ही मनोवैज्ञानिक जांच होती है और अनफिट लोगों को रिजेक्ट कर दिया जाता है।
- शो के दौरान 24×7 डॉक्टर और मनोचिकित्सक की टीम ऑन-कॉल रहती है।
- कंटेस्टेंट के ब्रेकडाउन पर शो से बाहर करने का फैसला मेडिकल टीम लेती है, न कि चैनल।






