चंडीगढ़, 13 अक्टूबर (The News Air) आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने सोमवार को बयान जारी कर हरियाणा की बीजेपी सरकार पर बाढ़ राहत को लेकर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “जहां पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार ने किसानों के साथ खड़े होकर रिकॉर्ड 30 दिनों में ₹20,000 प्रति एकड़ मुआवज़ा देकर इतिहास रचा, वहीं हरियाणा में किसानों को न राहत मिली, न मुआवज़ा, न गिरदावरी का काम समय पर पूरा हुआ।
अनुराग ढांडा ने कहा कि बाढ़ के दौरान हरियाणा में 5.30 लाख किसान, 6,395 गांव और करीब 31 लाख एकड़ खेती योग्य भूमि प्रभावित हुई, लेकिन अब तक किसानों को एक रुपया भी मुआवज़ा नहीं मिला। 8 जिलों में 15,834 एकड़ गिरदावरी कार्य अभी भी अधूरा पड़ा है। “इतना बड़ा नुकसान दर्ज होने के बावजूद बीजेपी सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। यह मुख्यमंत्री नायब सिंह की घोर नाकामी और किसानों के प्रति उनकी असंवेदनशीलता को उजागर करता है,” उन्होंने कहा।
अनुराग ढांडा ने कहा कि बीजेपी सरकार ने केवल ₹15,000 प्रति एकड़ मुआवज़े की घोषणा कर किसानों का अपमान किया, जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार ने ₹20,000 प्रति एकड़ मुआवज़ा न सिर्फ घोषित किया बल्कि रिकॉर्ड 30 दिनों में किसानों के बैंक खातों में राहत राशि पहुंचा दी। “दोनों राज्यों की सरकारों के कामकाज में फर्क साफ दिखता है। पंजाब ने किसानों का हाथ थामा और हरियाणा ने किसानों को उनके हाल पर छोड़ दिया,” उन्होंने कहा।
उन्होंने सीएम नायब सिंह पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री को किसानों का दर्द न दिखता है, न MSP पर फसल बिकने की परेशानी। खेत बाढ़ में तबाह हो चुके हैं, फसल बर्बाद है, मुआवज़ा अब तक नहीं मिला और मुख्यमंत्री अपनी सेंट्रल लीडरशिप को खुश करने में व्यस्त हैं। यह किसानों के साथ खुली धोखाधड़ी है।
अनुराग ढांडा ने कहा कि पंजाब में भगवंत मान सरकार ने पारदर्शी और तेज़ कार्रवाई करके दिखाया कि किसान हितैषी शासन कैसा होता है। विशेष गिरदावरी 11 सितंबर को शुरू हुई और 45 दिन का लक्ष्य तय होने के बावजूद 30वें दिन मुआवज़ा वितरण शुरू कर दिया गया। पंजाब में 2,508 गांवों में फसल नुकसान दर्ज हुआ और लगभग 3.5 लाख एकड़ प्रभावित भूमि पर ₹20,000 प्रति एकड़ की दर से मुआवज़ा जारी किया गया। घरों और पशुधन के नुकसान के लिए भी पारदर्शी तरीके से राहत राशि दी जा रही है।
ढांडा ने कहा, “यह फर्क नीयत का है। पंजाब में किसान को उसका हक समय पर मिला, हरियाणा में किसान सिर्फ इंतज़ार कर रहा है। न गिरदावरी पूरी हुई, न भुगतान हुआ। किसान त्राहि-त्राहि कर रहे हैं और बीजेपी सरकार राजनीति में व्यस्त है।
उन्होंने हरियाणा के किसानों से अपील की कि वे इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाएं और किसान विरोधी बीजेपी सरकार को जवाब दें। “अगर बीजेपी सरकार में ज़रा भी शर्म बची है तो किसानों से माफ़ी मांगे और तुरंत राहत राशि जारी करे। किसानों को उनका हक़ मिलना चाहिए, दिखावटी घोषणाएं नहीं होनी चाहिए।
अनुराग ढांडा ने अंत में कहा कि पंजाब मॉडल ने साबित कर दिया है कि पारदर्शी और संवेदनशील सरकार किसानों के लिए बदलाव ला सकती है। “हरियाणा के किसानों को भी अब इस निकम्मी, नाकारा और किसान विरोधी सरकार से जवाब मांगना चाहिए।”






